महराजगंजः मजदूरों की मेहनत पर फिरा पानी, मनरेगा पार्कों में छायी बदहाली
महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अंतर्गत खेल मैदान और पार्क जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है। पढें डाइनामाइट न्यूज की ये खास रिपोर्ट
महराजगंजः मजदूरों को रोजगार से जोडने और हर कमजोर व्यक्ति को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए सरकार द्वारा मनरेगा के तहत कई कार्य कराये जाते है लेकिन जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते मनरेगा मजदूरों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। मजदूरों के बनाये पार्क और अन्य निर्माण बदहाल हो गये हैं।
डाइनामाइट न्यूज टीम की पडताल में कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यह मामला ग्राम पंचायत पिपरा रसूलपुर का है, जहां मनरेगा पार्क की बदहाली प्रकाश में आया है। वर्ष 2021-22 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत में खेल मैदान, मनरेगा पार्क का निर्माण कराया गया था। लेकिन यह पार्क अब बदहाली की स्थिति में है।
टूटे झूले, गंदगी का अंबार
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस पार्क में अब झूले भी दम तोड चुके हैं। पार्क का पूरा परिसर गंदगी से पट गया है, जगह-जगह उगी बड़ी-बड़ी घास अग आई है। यह पार्क अपनी बदहाली की कहानी स्वयं बयां कर रहा है।
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उखडे गमले, दूर हुई हरियाली
पार्क में आकर्षक गमलों को लगाकर इसमें पौधे लगाना तो दूर अब तो गमले भी टूटने लगे हैं। हरियाली की उम्मीद पर पानी फेरने में जिम्मेदार गहरी नींद में है। वे कभी इनकी बदहाली की सुधि लेना भी मुनासिब नहीं समझते, जिससे पार्क दिनोंदिन और भी बदहाल होता जा रहा है।
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मिलावटी निर्माण कार्य की खुली पोल
इस पार्क में मिलावटी इंटरलाकिंग कार्य की पोल खुल गई है। ईंट जगह-जगह से टूटकर खिसकने लगी हैं। पार्क की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होती है लेकिन जिम्मेदार फिर भी मौन साधे हुए हैं।
बोर्ड से मिट गई दर्ज धनराशि
पार्क के निर्माण कर एक बोर्ड लगाकर सारी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें मजदूरों की मजदूरी और पार्क निर्माण की लागत का विवरण आखिर क्यों छिपा लिया गया, यह समझ से परे है। अब तो बोर्ड भी अस्त-व्यस्त हो गया है।