गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा देश, आग में घी डाल रही है भाजपा: खरगे

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे


हैदराबाद: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अपने शुरुआती संबोधन के दौरान संसद के विशेष सत्र को लेकर दावा किया कि सत्तारूढ पार्टी ‘विपक्ष विहीन’ संसद चाहती है और ऐसे में उसकी मंशा को लेकर सतर्क रहना होगा।

खरगे ने कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पिछली तीन बैठकों की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार हमले कर रहे हैं।

खरगे ने कहा कि सरकार को 2021 की जनगणना और इसके साथ ही जातिगत जनगणना करानी चाहिए, ताकि कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य योजनाओं को लेकर पूरा अधिकार मिल सके।

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है। मणिपुर की दिल दहला देने वाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा। 3 मई 2023 से वहां हिंसा आज भी जारी है। मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूंह तक पहुंचने दिया। यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला।’’

खरगे ने कहा कि घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम कर रहा है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हमें मिलकर ऐसी ताक़तों की पहचान करके उन्हें बेनक़ाब करते रहना है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आंकड़ों की हेराफ़ेरी कर रही है तथा 2021 की जनगणना नहीं कराने से 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा अधिनियम से और करीब 18 प्रतिशत लोग मनरेगा से बाहर हो गए हैं।

संसद के विशेष सत्र का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘आप सबको पता है कि 18 सितंबर से मोदी सरकार ने 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है। लंबे संशय के बाद चंद बातें एजेंडे के तौर पर आयी हैं, जिसमें प्रमुख है चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण, परंतु हमें सत्तारूढ़ दल की मंशा को लेकर सतर्क रहना होगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है। वो नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछें।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं के हमलों से हमारे ‘इंडिया’ गठबंधन की तीन बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारा कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ईडी, आयकर, सीबीआई को सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है। ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। लेकिन अफ़सोस की बात है कि यही हकीकत है।’’

हाल ही में संपन्न जी20 शिखर बैठक का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, ‘‘जी20 के आयोजन के बाद सरकार किस कदर खुद की वाहवाही में डूबी है। बारी-बारी से होने वाली जी-20 बैठक पर दिल्ली में 4,000 करोड़ रुपये खर्च हुए और अब जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को मिल गयी है।’’

खरगे ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि मोदी सरकार जश्न मनाना छोड़कर जनता के सरोकार और ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देगी। ’’

खरगे ने देश की अर्थव्यवस्था के गंभीर खतरे में होने का दावा किया और कहा कि महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले 5 साल में एक साधारण थाली की क़ीमत 65 प्रतिशत बढ़ गयी है। 74 प्रतिशत लोग पौष्टिक आहार से वंचित हैं। दाल की कीमत एक साल में 37 प्रतिशत तक बढ गयी है।

हमारे देश में 65 प्रतिशत आबादी नौजवान हैं। इस सरकार में युवाओं का भविष्य अंधकार में है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ‘सरकार चीन को लगातार क्लीनचिट दे रही है’ और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ऐसी लापरवाही बेहद निंदनीय है।

खरगे ने कहा, ‘‘पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भयावह प्राकृतिक त्रासदी आई। हमारी मांग है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर केंद्र सरकार जरूरी मदद करे और पुनर्निर्माण में सहयोग दे।’’

 










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