Karnataka: कांग्रेस सरकार की विफलता को लेकर भाजपा ने सदन में किया प्रदर्शन, दो बार स्थगित करनी पड़ी सदन की कार्यवाही

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले किए गए पांच चुनावी वादों को कथित तौर पर पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहने को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

भाजपा ने सदन में किया प्रदर्शन
भाजपा ने सदन में किया प्रदर्शन


बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले किए गए पांच चुनावी वादों को कथित तौर पर पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहने को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, पार्टी सांसद डी. वी. सदानंद गौड़ा और सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने फ्रीडम पार्क में सरकार के खिलाफ धरना दिया।

येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पांच चुनावी गारंटी के जरिये जनता को गुमराह कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा धरना पांच गारंटी पूरी नहीं होने के खिलाफ है। हम धर्मांतरण-रोधी और गोहत्या-रोधी कानूनों को वापस लेने के सरकार के रुख का भी विरोध कर रहे हैं, जो हमारी सरकार ने अतीत में पेश किये थे।’’

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए येदियुरप्पा ने जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के भ्रष्टाचार के उस आरोप का समर्थन किया कि राज्य में ‘तबादला गिरोह’ सक्रिय है।

येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कुमारस्वामी ने जो भी कहा है वह बिल्कुल सच है और मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं। हम भविष्य में मिलकर लड़ेंगे।’’

कुमारस्वामी ने आरोप लगाया था राज्य में सरकार द्वारा नई कर व्यवस्था ''वाईएसटी कर'' लाई गई है।

इससे पहले दिन में, कर्नाटक विधानसभा में चुनावों के मद्देनजर सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा दी गयी पांच गारंटी पूरी करने में कथित विलंब को लेकर भाजपा के हंगामे के कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गयी।

भाजपा विधायक सदन के आसन के समीप आ गए और सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाए जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।

अध्यक्ष द्वारा ''तारांकित प्रश्नों'' को उठाने की इजाजत दिए जाने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इसके अनुरूप कांग्रेस विधायक शिवालिंगे गौड़ा सवाल करने के लिए खड़े हुए।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर प्रश्नकाल के स्थान पर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।

उनके साथ भाजपा विधायक आर. अशोक ने सरकार पर पांच गारंटी के नाम पर लोगों से ‘‘धोखा’’ करने का आरोप लगाया।

इसके बाद भाजपा के अन्य विधायकों ने पहले उनकी बात सुनने की मांग की। अध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों से कई बार प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन किसी ने उनकी अपील नहीं सुनी।

उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पांच गारंटी की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

शिवकुमार ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल होने दीजिए। फिर हम उनका (भाजपा) ‘ज्ञान’ लेंगे।’’

शिवकुमार ने भाजपा से पूछा कि क्या उसने सभी के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा कराने और विदेशों में पड़े काले धन को वापस लाने का वादा पूरा किया?

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने वादों को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम उन्हें पूरा करेंगे।’’

मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने भी भाजपा से अपना ‘अड़ियल रवैया’ छोड़ने की अपील की।

इसके तुरंत बाद भाजपा विधायक सदन के आसन के समीप आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे तथा सदन की कार्यवाही को बाधित किया।

हंगामे के कारण अध्यक्ष खादर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई भाजपा विधायक फिर सदन के बीचोंबीच आ गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।

हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा और बाद में विभिन्न विभागों से जुड़े कागजात को सदन के पटल पर रखने की इजाजत दी।

इसके बाद सदन को भोजन अवकाश के लिए स्थगित कर दिया।










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