विपक्ष के हंगामे के बीच ये विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

डीएन ब्यूरो

केरल विधानसभा में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के कड़े विरोध-प्रदर्शन के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि सदन का मौजूदा सत्र 30 मार्च तक चलना था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केरल विधानसभा
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तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के कड़े विरोध-प्रदर्शन के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि सदन का मौजूदा सत्र 30 मार्च तक चलना था।

विपक्ष ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नीत सरकार पर विभिन्न मांगों को लेकर ‘‘अहंकारी’’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा इस संबंध में विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद अध्यक्ष ए. एन. शमसीर ने 15वीं केरल विधानसभा के आठवें सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

यूडीएफ के सदन में आसन के समक्ष अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करने की घोषणा करने के बाद यह फैसला किया गया।

सदन में कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने पर ‘‘पाबंदियों’’ के खिलाफ पिछले सप्ताह से केरल विधानसभा में विपक्ष का विरोध-प्रदर्शन जारी है।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की। सतीशन खड़े हो गए और कहा कि विपक्षी सदस्य अनवर सदात, कुरुक्कोली मोइदीन, ए.के.एम. अशरफ, टी. जे. विनोद और उमा थॉमस सरकार के खिलाफ सदन में आसन के समक्ष अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऐसे कोई कदम नहीं उठा रही है जिससे सदन की कार्यवाही निर्बाध तरीके से चले।

सतीशन ने आरोप लगाया कि विपक्ष के प्रदर्शन की असल वजह सरकार का ‘‘अहंकारी’’ रवैया है।

वहीं सरकार ने पहले दावा किया था कहा कि विपक्ष का विरोध सदन की कार्यवाही के नियमों के खिलाफ है।

शमसीर ने विपक्ष के विरोध की आलोचना की और कहा कि अध्यक्ष का पद एक सम्मानजनक पद है और उसके खिलाफ विरोध, जिसमें पुतले जलाना भी शामिल है, ‘‘अस्वीकार्य’’ है।

विपक्ष ने दो महिलाओं सहित कई विपक्षी विधायकों के खिलाफ कथित तौर पर ‘‘झूठे गैर-जमानती मामले’’ दर्ज करने के लिए पिछले सप्ताह सरकार की आलोचना की थी और विधानसभा परिसर में अध्यक्ष के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया था।










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