अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी को किया बरी, जानिये क्या रही वजह
महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने 14 वर्षीय लड़की के अपहरण और खरीद-फरोख्त मामले में 30 वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी फरार है और पीड़िता की मौत हो गयी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ठाणे (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने 14 वर्षीय लड़की के अपहरण और खरीद-फरोख्त मामले में 30 वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी फरार है और पीड़िता की मौत हो गयी है।
सत्र न्यायाधीश डॉ. रचना आर तेहरा ने 12 जनवरी को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 366ए (नाबालिग लड़की की खरीद-फरोख्त) और 34 (साझा मंशा) के तहत आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।
इस आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई।
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अभियोजक ने अदालत में बताया कि लड़की 13 जनवरी 2013 को ठाणे शहर में अपने घर से लापता हो गयी थी। जब उसके पिता ने पड़ोस में तलाश की तो उन्हें पता चला कि वह हरियाणा के एक व्यक्ति (मुख्य आरोपी) के साथ चली गयी है। अगले दिन लड़की को उस व्यक्ति तथा उसकी मां की कंपनी से बरामद किया गया और ठाणे वापस लाया गया।
इसके बाद पुलिस ने लड़की के अपहरण में मुख्य आरोपी की मदद करने के लिए 30 वर्षीय सफाईकर्मी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया।
रिकॉर्ड में उपलब्ध सबूत के आधार पर न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा लगता है कि अभियोजक पक्ष ने केवल सूचना देने वाले व्यक्ति तथा जांच अधिकारी से जिरह की। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता के पिता की गवाही के अनुसार, उसकी मौत हो गयी है।’’
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अदालत ने कहा कि केवल सूचना देने वाले व्यक्ति की गवाही के आधार पर आरोपी को कथित अपराध का दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मुख्य आरोपी और उसकी मां फरार है तथा पुलिस उनका पता नहीं लगा पायी है।
अदालत ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता के अपहरण में मुख्य आरोपी और उसकी मां की मदद की।