इंदौर में लापरवाही पड़ी अस्पताल को भारी, नाबालिग लड़के की मौत के बाद हास्पिटल का लाइसेंस हुआ निरस्त

डीएन ब्यूरो

इंदौर में इलाज में कथित लापरवाही से 14 वर्षीय लड़के की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग के जवाब तलब किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शहर के एक निजी अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया है।

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


इंदौर (मध्यप्रदेश):  इंदौर में इलाज में कथित लापरवाही से 14 वर्षीय लड़के की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग के जवाब तलब किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शहर के एक निजी अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया है।

आयोग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मृत किशोर के पिता का आरोप है कि एक हादसे में घायल उसके बेटे को जब वह भंवरकुआं क्षेत्र के एक निजी अस्पताल ले गया, तो एलोपैथी के किसी योग्य डॉक्टर के बजाय होम्योपैथी के उस चिकित्सक से उसका इलाज कराया गया जो आपातकालीन उपचार में बिल्कुल भी दक्ष नहीं था।

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अधिकारी ने बताया कि आयोग में वर्ष 2021 के दौरान दर्ज कराए गए इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया गया था।

अधिकारी के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से आयोग को रिपोर्ट सौंपी गई है कि मामले में संबंधित अस्पताल का स्पष्टीकरण कतई संतोषजनक नहीं होने और मध्यप्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम के उल्लंघन के साथ मरीज के इलाज में ‘‘घोर व अक्षम्य लापरवाही’’ बरते जाने के कारण अस्पताल का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

अधिकारी ने बताया कि चूंकि इस मामले में अन्य अपेक्षित कार्यवाही भी राज्य सरकार की ओर से होनी है, इसलिए आयोग में इस प्रकरण की कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।

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