SC/ST Quota: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SC/ST रिजर्वेशन पर सब-कैटेगिरी को मंजूरी, जानिये पूरा अपडेट

देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरूवार को आरक्षण पर पर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के फैसले को पलट दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 1 August 2024, 11:34 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत ने गुरूवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है। यानी एससी-एसटी कोटे में सब कैटेगिरी बनाई जा सकती है। अदालत का कहना है कि कोटे में कोटा असमानता के खिलाफ नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच में 2004 के फैसले को पलटते हुए अपने नये फैसले में SC/ST आरक्षण में जाति आधारित आरक्षण को संभव बताया है। 

शीर्ष अदालत ने 2004 में दिये गये ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश मामले वाले फैसले को बदलते हुए यह आदेश दिया। 
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 2004 के ईवी चिन्नैया फैसले मामले में कुछ खामियां थीं। यहां आर्टिकल 341 को समझने की जरूरत है जो सीटों पर आरक्षण की बात करता है। उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि आर्टिकल 341 और 342 आरक्षण के मामले को डील नहीं करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में दिये उस फैसले को दरकिनार कर दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एसी/एसटी जनजातियों में सब कैटेगरी नहीं बनाई जा सकती है। 

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया है।

Published : 
  • 1 August 2024, 11:34 AM IST