सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भगवान जग्गनाथ हमें माफ करें, लेकिन इस साल रथ यात्रा को नहीं मिल सकती अनुमति
देश की शीर्ष अदालत ने कोरोना महामारी के चलते इस साल जग्गनाथ रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनहित को ध्यान रखते हुए रथ यात्रा को टाला जाना जरूरी है। पूरी खबर..
नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत ने कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के चलते इस साल भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा को अनुमति नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि हम इस बार रथ यात्रा को रोकते हैं तो भगवान जग्गनाथ हमें जरूर माफ करेंगे।
Lord Jagannath will forgive us if we stay the Rath Yatra this year. Such gatherings can't take place at the time of the #COVID19 pandemic. In the interest of public health and safety of citizens, Rath Yatra can't be allowed this year: Supreme Court https://t.co/4qNAIwDbyN pic.twitter.com/5daPuqZvQH
— ANI (@ANI) June 18, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी को देखते हुए इस साल इतनी बड़ी संख्या में पब्लिक गैदरिंग संभव नहीं है। जनता के स्वास्थ्य, उसके हितों और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल रथ यात्रा को अनुमति नही दी जा सकती है।
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इस मामले में फैसला देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि अगर हम इसकी इजाजत देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। महामारी के समय ऐसे आयोजन नहीं हो सकते हैं। लोगों के स्वास्थ्य के लिए आदेश ज़रूरी है।
गौरतलब है कि श्री जगन्नाथ मंदिर से यह यात्रा इस साल 23 जून से निकलनी थी। नौ दिन तक चलने वाली रथ यात्रा में हर साल 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस दौरान हजारों की संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात रहते हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार यात्रा पर रोक लगाई गई है। इससे पहले तय हुआ था कि श्रद्धालुओं के बिना 23 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी। लेकिन अब अदालत ने इस पर रोक लगा दी है।
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