Reservation in Promotion: सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, जानिये ये अपडेट

डीएन ब्यूरो

सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

सुप्रम कोर्ट ने राज्यों को दिया आदेश (फाइल फोटो)
सुप्रम कोर्ट ने राज्यों को दिया आदेश (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत द्वारा आज सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आरक्षण के मानकों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में राज्यों को आंकड़े जुटाने के साथ ही कुछ जरूरी निर्देश दिये हैं। मामले पर अगली सुनवाई अब 24 फरवरी को होगी।

शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्यों को आरक्षण संबंधी आंकड़े जुटाने का आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि आरक्षण देने से पहले प्रतिनिधत्वि की अपर्याप्तता पर मात्रात्मक आंकड़े एकत्र करने के लिए राज्य बाध्य है।

पीठ ने कहा कि संपूर्ण सेवा के लिए प्रत्येक श्रेणी के पदों के लिए डेटा का संग्रह होना चाहिए।”  पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के पदों के प्रतिशत का पता लगाने के बाद आरक्षण नीति पर फिर से विचार करने के लिए एक समय अवधि निर्धारित करनी चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि एससी/एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने से पहले राज्यों को डेटा इकट्ठा करना चाहिए।

कोर्ट ने आगे कहा कि पीठ के फैसले के बाद आरक्षण के लिए नया पैमाना नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रतिनिधित्व के बारे में एक तय अवधि में समीक्षा होनी चाहिए। समीक्षा की अवधि क्या होगी कोर्ट ने इसे केंद्र पर छोड़ दिया है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।










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