उच्चतम न्यायालय ने देश में सड़क सुरक्षा से जुड़ी एक यचिका पर सुनवाई से किया इनकार

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने देश में सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और कहा कि जिन राहतों का अनुरोध किया गया है, वे ‘‘इतनी व्यापक हैं कि’’ उन्हें न्यायिक तौर पर एक याचिका में नहीं दिया जा सकता।

उच्चतम न्यायालय  (फाइल)
उच्चतम न्यायालय (फाइल)


नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने देश में सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और कहा कि जिन राहतों का अनुरोध किया गया है, वे ‘‘इतनी व्यापक हैं कि’’ उन्हें न्यायिक तौर पर एक याचिका में नहीं दिया जा सकता।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस के कौल और न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की पीठ ने कहा कि याचिका में उठाए गए अधिकतर मुद्दे तमिलनाडु से जुड़े हैं, इसलिए याचिकाकर्ता राहत के लिए राज्य के उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है।

याचिकाकर्ता दक्षिणी राज्य का निवासी है। उसने पीठ को बताया कि उसकी याचिका सड़क सुरक्षा के बारे में है और देश में हर साल पांच लाख से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी को एक ही स्थान पर समाधान नहीं मिल पाते। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि दुर्घटना के मामलों का समन्वित सुव्यवस्थितीकरण किया गया था।

याचिका में राज्य को सभी गैरकानूनी निर्माण को गिराने के निर्देश देने सहित जिन राहतों का अनुरोध किया गया है, उनके बार में पीठ ने कहा, ‘‘आपका उद्देश्य अच्छा हो सकता है, लेकिन ये उपाय इतने व्यापक हैं कि उन्हें न्यायिक तौर पर एक याचिका में नहीं किया जा सकता।’’

याचिका का निपटारा करते हुए पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता तमिलनाडु के लिए खासतौर पर कुछ राहत चाहता है, तो वह वहां के उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए स्वतंत्र है।

 










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