Social Media: सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया यूजर्स को किया सावाधान, आप भी रखें इन बातों का ध्यान, जानिये पूरा मामला और अपडेट

पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘‘अगर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है, तो उसे इसके प्रभाव और पहुंच के बारे में अधिक सावधान रहना चाहिए।’ पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 19 August 2023, 6:19 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने महिला पत्रकारों के खिलाफ 2018 में कथित तौर पर अपमानजक टिप्पणियों वाली एक फेसबुक पोस्ट साझा करने के मामले में अभिनेता एवं तमिलनाडु के पूर्व विधायक एस. वे. शेखर की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों को इसके प्रभाव और पहुंच के बारे में सावधान रहना चाहिए।

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति पी. के. मिश्रा की पीठ मद्रास उच्च न्यायालय के 14 जुलाई के उस आदेश के खिलाफ शेखर की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें संबंधित मामले में आपराधिक मुकदमा रद्द करने संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘‘अगर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है, तो उसे इसके प्रभाव और पहुंच के बारे में अधिक सावधान रहना चाहिए।'

वकील ने दलील दी कि घटना के दिन शेखर ने अपनी आंखों में कुछ दवा डाल ली थी, जिसके कारण वह साझा की गई अपनी पोस्ट की विषय-वस्तु नहीं पढ़ सके थे।

पीठ ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी होती है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया का इस्तेमाल जरूरी लगता है तो उसे परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि शेखर ने 19 अप्रैल, 2018 को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक ‘‘अपमानजनक और अश्लील टिप्पणी’’ प्रकाशित/प्रसारित की थी, जिसके बाद चेन्नई पुलिस आयुक्त के समक्ष एक शिकायत दर्ज की गई।

अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था कि मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ अन्य निजी शिकायतें भी दर्ज की गई थीं।

शेखर के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी थी कि उन्हें उस संदेश की विषय-वस्तु के बारे में पता नहीं था, जो उन्हें भेजा गया था और उन्होंने इसे केवल अपने फेसबुक अकाउंट से अग्रसारित किया था।

उनके वकील ने कहा था कि संदेश में मौजूद अपमानजनक टिप्पणियों के बारे में पता चलने के बाद शेखर ने उसी दिन कुछ घंटों के भीतर लिखित सामग्री हटा दी और इसके बाद 20 अप्रैल, 2018 को एक पत्र लिखकर संबंधित महिला पत्रकारों और मीडिया से बिना शर्त माफी मांगी थी।

Published : 
  • 19 August 2023, 6:19 PM IST

Related News

No related posts found.