कभी आत्महत्या को मजबूर कैलाश खेर आज जगाते हैं जीने का ज़ज्बा

डीएन संवाददाता

कैलाश खेर आज दुनिया के जाने माने सूफी गायकों में शुमार हैं उनके गीत सुनकर कई लोगों को जीने का ज़ज्बा मिलता है लेकिन उनके जीवन में भी कई तरह के उतार-चढ़ाव आये।

कैलाश खेर
कैलाश खेर


नई दिल्ली: सूफी गानों के सरताज कैलाश खेर का आज जन्मदिन है। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको कैलाश खेर के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिससे हर कोई प्रेरित हो सकता है।

कैलाश को बचपन से ही गाना गाने के प्रति रुचि थी। अपने इस हुनर को पहचानते हुए साल 2001 में कैलाश अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग का सपना लिए मुंबई आ गए। उनके लिए मुंबई का सफर भी इतना आसान नहीं था। उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया जब उनके पास खाने तक को पैसे नहीं थे।

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साल 1999 कैलाश के लिए सबसे अधिक संघर्ष भरा रहा। ये वो दौर था जब कैलाश का जीवन अंधेरे में डूब गया था और उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी। कैलाश ने साल 1999 में अपने दोस्त के साथ हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू किया था लेकिन उन्हें इस बिजनेस में भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस गम में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी। इस दौरान वह मन की शांति के लिए ऋषिकेश चले गए।










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