भावनगर रियासत की कहानी: गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हुआ

डीएन ब्यूरो

गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हो गया है। यह नगर अपने राजसी महलों और बेहतरीन ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है जिनमें संगमरमर से बना एक ‘प्रेम स्मारक’ भी शामिल है जिसे एक राजा ने अपनी रानी की याद में बनवाया था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हुआ
गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हुआ


भावनगर: गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हो गया है। यह नगर अपने राजसी महलों और बेहतरीन ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है जिनमें संगमरमर से बना एक ‘प्रेम स्मारक’ भी शामिल है जिसे एक राजा ने अपनी रानी की याद में बनवाया था।

शहर की स्थापना की तीन सदी पूरी होने के मौके पर हाल में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस शहर की स्थापना गोहिल वंश के महाराज भावसिंहजी प्रथम ने 1723 में की थी। उनके शासनकाल में बनाई गई सार्वजनिक इमारतों और संस्थानों में उनकी विरासत आज भी जीवित है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भावनगर के पूर्ववर्ती राजपरिवार की सदस्य बृजेश्वरी गोहिल ने कहा, “भावनगर रियासत स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारत संघ में शामिल होने वाली पहली रियासत थी।'

यह शहर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में है जहां सैलानियों के आकर्षण के लिए कई स्थल हैं। यह अहमदाबाद से 170 किलोमीटर दूर है।

गोहिल ने अपने शाही पूर्वजों की विरासत के बारे में बात की जिन्होंने दो शताब्दियों से अधिक समय में शहर का निर्माण किया और साथ ही शानदार सार्वजनिक भवनों, भव्य पार्क और रेलवे का निर्माण कराया तथा सफेद संगमरमर से एक स्मारक बनावया।

उन्होंने  कहा, “यह रुकने और पीछे मुड़कर देखने एवं मूल्यांकन करने का समय है कि तेजी से शहरीकरण के समय में भावनगर की विरासत का कितना हिस्सा अभी भी संरक्षित है। यह भावनगर के शासकों द्वारा 1723 में शहर की स्थापना के बाद से किए गए योगदान को स्वीकार करने का भी समय है।'

गोहिल का कहना है कि उन्हें तब दुख होता है जब वह यह पढ़ती हैं कि कई भारतीय शहरों में ऐतिहासिक भवनों को ध्वस्त कर दिया गया है या वे मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि भावनगर में कई निजी और पुरानी इमारतें समय के साथ खत्म हो गई हैं लेकिन सार्वजनिक पहचान वाले स्थल अब भी बरकरार हैं।

गोहिल दिल्ली स्थित विरासत संस्था ‘इंटैक’ की भावनगर इकाई और भावनगर ‘हेरिटेज प्रिजर्वेशन सोसाइटी’ दोनों का प्रभार संभालती हैं।

गंगा डेरी भावनगर में गंगाजलिया तालाब के तट पर स्थित एक प्रेम स्मारक है।

उन्होंने कहा, “ गंगा डेरी प्रेम का स्मारक है जिसे भावनगर के पूर्व शासक महाराज तख्तसिंहजी ने महारानी मजीराजबा की याद में बनवाया था। इसे सर जॉन ग्रिफिथ ने डिजाइन ने किया था और इसे बनाने में 16 साल (1877-1893) लगे तथा इतना ही समय आगरा के ताजमहल बनाने में लगा था। तो यह इस तरह से भावनगर में हमारा ताज है।”

गोहिल के अनुसार, भावनगर की स्थापना से पहले, राजवंश की राजधानी सीहोर में थी, लेकिन इस पर बार-बार हुए आक्रमण के बाद भावसिंहजी ने इसे सीहोर से 20 किलोमीटर दूर वाडा गांव के पास स्थानांतरित कर दिया था और इसका नाम भावनगर रखा था।










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