सोनभद्र: दलदली रास्ता बना रोड़ा, मरीज़ को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण

डीएन ब्यूरो

सोनभद्र कुलडोमरी क्षेत्र के खोडिया पाल बस्ती में सड़क न होने से कच्चा रास्ता बरसात के मौसम में कीचड़ में तब्दील हो जाता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मरीज़ को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण
मरीज़ को खाट पर ले जाने को मजबूर ग्रामीण


सोनभद्र: सरकार (Government) की लाख कोशिश के बावजूद लोगों को आने-जाने में सड़क (Road) बाधक बनी हुई है। सरकार का गांव- गांव सड़क का दावा यहां खोखला साबित होता दिख रहा है। अनपरा के कुलडोमरी क्षेत्र से शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर एक मरीज़ (patient) को खाट (Cot) पर लेटाकर उपचार (Treatment) के लिए ले जाया जा रहा है, वायरल वीडियो बीते बुधवार का बताया जा रहा जिसे गांव के ही युवक ने बनाकर वायरल किया था। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कुलडोमरी क्षेत्र (Kuldomri area) के खोडिया पाल बस्ती (Khodiya Pal Basti) में सड़क न होने से मिट्टी का रास्ता बरसात में कीचड़ और दलदल हो जाता है।
 

सड़क न होने के चलते दलदल में फंसा ग्रामीण


मिट्टी का रास्ता बरसात में कीचड़ और दलदल में होता है तब्दील
जानकारी के अनुसार कुलडोमरी टोला खोडिया निवासी लालाबाबू पुत्र संतराम भारती ने बताया कि बीते बुधवार के दिन उनके पिता की तबीयत खराब हो गई।  इस दौरान उन्हें खाट पर लेटाकर ले जाया जा रहा था। बस्ती में सड़क न होने से अक्सर बरसात के मौसम में इस तरह की कठिनाईयों का सामान करना पड़ता है क्योंकि यहां रोड न होने के कारण सरकारी सेवा की ऐंबुलेंस नहीं पहुंच पाती। 

आने- जाने वालों को होती है दिक्कत
लालाबाबू ने बताया कि 12/13 अगस्त को पिताजी को उल्टी,दस्त की शिकायत के बाद तबीयत खराब हुई और फिर 14 अगस्त को उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए खाट पर ले जाया जा रहा था तो गांव के ही युवक ने वीडियो वायरल कर दिया। 

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डिबुलगंज से उन्हें दुध्धि सीएचसी ले जाया गया जहां उपचार बाद उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा। बस्ती के ही युवक ने बताया सड़क न होने से स्कूली छात्रों को पढ़ाई के लिए जाने में दिक्कत होती है।

खोडिया के पाल बस्ती के लोगों को मोटरसाइकिल दूसरे गांव या घरों में खड़ी करनी पड़ती है क्योंकि सड़क ही नहीं है। खोडिया गांव दो तरफ से जुड़ता है खोडिया स्कूल से खजुरा स्कूल नाला था  खोडिया के पाल बस्ती के ग्रामीणों को सड़क न होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तकरीबन 10 से 12 हजार आबादी का आवागमन प्रतिदिन होता है। यहां के बच्चे प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद 10 से 12 किलोमीटर दूर मेणरदह के लिए जाते हैं। 

शुक्रवार को ग्रामीणों (Villager) ने जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया की जोगिंदरा की तरफ से आने वाले सड़क को खोडिया स्कूल तक बनाकर छोड़ दिया गया है जबकि उसे खजूरा स्कूल तक मिलाना था। बिरनी बड़ा पानी टंकी से देवल पाल के घर तक खोडिया वाले सड़क में मिलाना था। 

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मामले में नहीं लिया कोई संज्ञान
वर्ष 2017 में मनरेगा के तहत कार्य कराया गया लेकिन सड़क अब भी कच्ची है। दोनो सड़कों की दूरी करीब 7 किलोमीटर है , इसी तरह बिरन बहरा पानी टंकी से 6 किलोमीटर खोडिया वाली सड़क पाल बस्ती में मिलाना था। 

खोडिया बस्ती में लगभग 12000 हजार से भी अधिक लोगों का आवागमन होता है। बस्ती में एक नदी पड़ती है, जिसपर छोटा पुल होने से नदी का पानी उपर से बहता है जिस कारण बच्चे अक्सर स्कूल नहीं जा पाते। शिकायत करने के बाद भी  इस मामले में  संज्ञान नहीं लिया गया।

ग्रामीण बिहारी पाल, उपेन्द्र, मुकेश, बन्नू, सुरेन्द्र, सोबरन, हीरापाल , सरजू भारती, जय सिंह, खजान्ती भारती, लाला बहादुर, अर्जुन, रामजी, संदेश दरोगा, नंदलाल समेत दर्जनों ग्रामीणों ने मामले को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाने की मांग की है।










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