आंध्र प्रदेश निवेशक सम्मेलन में हुए समझौतों से पैदा होंगे छह लाख रोजगार: जगन

डीएन ब्यूरो

आंध्र प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान 13.05 लाख करोड़ रुपये निवेश के समझौते हुए हैं जिनसे लगभग छह लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को यह जानकारी दी।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी


विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान 13.05 लाख करोड़ रुपये निवेश के समझौते हुए हैं जिनसे लगभग छह लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित दो-दिवसीय निवेशक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन में किए गए निवेश समझौतों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाएगी। इस समिति में राज्य के मुख्य सचिव के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारी और विशेष मुख्य सचिव (उद्योग) भी शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि निवेशक सम्मेलन के दौरान 20 क्षेत्रों में 352 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से अकेले ऊर्जा क्षेत्र में ही 8.84 लाख करोड़ रुपये के 40 समझौते हुए, जिनसे 1.9 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

रेड्डी ने कहा, “आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में 25,587 करोड़ रुपये निवेश के 56 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनसे 1,04,442 लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं पर्यटन क्षेत्र में 22,096 करोड़ रुपये के 117 समझौते हुए जिनसे 30,787 लोगों को रोजगार मिलेगा।”

उन्होंने बताया कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय निवेश हुआ है। इनसे शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य हासिल करने की देश की प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने निवेश की मंशा जताने वाली कंपनियों से इन प्रस्तावों पर जल्द अमल करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, 'हम इन एमओयू को क्रियान्वयन-लायक निवेश में बदलने की प्रक्रिया को तेज एवं निर्बाध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

औषधि विनिर्माता हेटरो समूह ने भी फार्मा और संबंधित उद्योग के प्रसार के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। समूह के प्रबंध निदेशक वाम्सी कृष्णा बंदी ने कहा कि कोरोना काल के बाद कई देश फार्मा क्षेत्र में भारत को अपने साझेदार के रूप में देख रहे हैं और सुव्यवस्थित पारिस्थितिकी तंत्र के कारण आंध्र प्रदेश इसके लिए आदर्श है।

 

 










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