Singer Gaddar Passed Away: मशहूर तेलुगु लोक गायक गद्दर अब नहीं रहे, जानिये कौन है सिंगर गद्दर

डीएन ब्यूरो

तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गद्दर का खराब स्वास्थ्य के चलते रविवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गद्दर
तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गद्दर


हैदराबाद/अमरावती: तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गद्दर का खराब स्वास्थ्य के चलते रविवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।

वह 1980 के दशक के दौरान क्रांतिकारी गीतों और इसके बाद पृथक तेलंगाना राज्य आंदोलन को लेकर अपनी रचनाओं से लोकप्रिय हुए थे।

पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे शीर्ष नेताओं ने गद्दर के निधन पर दुख जताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उनके अलावा, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, हरियाणा के उनके समकक्ष बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी, तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, प्रदेश भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी और तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के कई अन्य नेताओं ने भ्ज्ञी गद्दर के निधन पर दुख जताया।

अभिनेता चिरंजीवी सहित तेलुगु फिल्म जगत की हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

गद्दर का असली नाम गुम्मडी विट्ठल राव था और उनका जन्म 1949 को मेडक जिले के तूपरान में एक दलित परिवार में हुआ था और उनकी परवरिश मुश्किल हालात में हुई थी।

गद्दर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पिता की मुलाकात बाबा साहेब आम्बेडकर से हुई और उनके प्रभाव में आकर उनके पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

लोक गायक का यहां अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में फेफड़ों व मूत्राश्य संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया।

अस्पताल ने एक बयान में बताया कि गद्दर हृदय की गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे और उन्हें 20 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तीन अगस्त को बाइपास सर्जरी हुई थी और वह इससे उबर गए थे।

अस्पताल ने कहा कि वह काफी पहले से फेंफड़ों और मूत्राशय की बीमारियों से पीड़ित थे और उम्र बढ़ने के साथ उनकी बीमारी गंभीर होती गई।

गद्दर पूर्व नक्सली थे और उन्होंने जंगलों में रहने के साथ ही भूमिगत जीवन भी व्यतीत किया था।

इसके बाद, वह मुख्यधारा में शामिल हो गए और उन्होंने 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपने जीवन में पहली बार मतदान किया।

उन्होंने अपनी खुद की पार्टी 'गद्दर प्रजा पार्टी' बनाई। इसके बाद वह बीमार पड़ गए और इसे आगे नहीं ले जा सके।

उन्होंने फिल्मों के लिए गीत लिखे और वे चर्चा के केंद्र में आ गए। 1979 की फिल्म 'मां भूमि' में उनका गीत 'बंदेनाका बंदी कट्टी' काफी मशहूर हुआ था।

गद्दर पर 1990 के दशक में हमला किया गया था और एक गोली उनकी रीढ़ की हड्डी में फंस गई थी और वह उनकी जिंदगी के अंत तक फंसी रही।

गद्दर के पार्थिव शरीर को शहर के एलबी स्टेडियम ले जाया गया ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। लोक गायक का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने गद्दर की जनता के प्रति सेवाओं के सम्मान में दिवंगत गायक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।

वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों और लोकगीतों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले गद्दर जैसे लोग समाज में कम ही देखने को मिलते हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया ,''तेलंगाना के प्रतिष्ठित कवि, गीतकार और निडर कार्यकर्ता श्री गुम्मडी विट्ठल राव के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।''

उन्होंने लिखा,'' तेलंगाना के लोगों के प्रति गद्दर के प्यार ने उन्हें हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अथक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। आशा है उनकी विरासत हम सभी को प्रेरणा देगी।''

गद्दर ने दो जुलाई को तेलंगाना के खम्मम में हुई कांग्रेस की एक जन सभा में हिस्सा लिया था, जिसे राहुल गांधी ने संबोधित किया था।

खरगे ने कहा कि गद्दर सर्वाधिक कमजोर वर्गों की आकांक्षाओं के लिए एक उम्मीद बने रहेंगे।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा,''गद्दर का सामाजिक मुद्दों और तेलंगाना राज्य के लिए लड़ाई के प्रति अटूट समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक था।'

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने गद्दर को क्रांतिकारी व्यक्ति बताया। उन्होंने गायक के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा,''वह वंचितों की आवाज थे और उन्होंने अपने प्रेरक गीतों के माध्यम से सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।''

केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि गद्दर ने विभिन्न मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ तेलंगाना राज्य आंदोलन को अपने गीतों से गति प्रदान की।

तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया,''गद्दर के निधन के साथ जन आंदोलन और मानवाधिकार अभियान का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया। उन्होंने अपनी आवाज से जनता को प्रेरित किया।''










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