Sikkim: केंद्रीय टीम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा, सेना ने शुरू किया बड़ा अभियान, फंसे हुए 350 से अधिक पर्यटकों को बचाया

डीएन ब्यूरो

केंद्र द्वारा सिक्किम भेजे गए दल के सदस्यों ने सोमवार को राज्य के उन इलाकों का दौरा किया जो अचानक आई बाढ़ से तबाह हो गए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

सेना ने शुरू किया बड़ा अभियान
सेना ने शुरू किया बड़ा अभियान


गंगटोक: केंद्र द्वारा सिक्किम भेजे गए दल के सदस्यों ने राज्य के उन इलाकों का दौरा किया जो अचानक आई बाढ़ से तबाह हो गए हैं। 

इस बाढ़ के कारण कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है और लापता 80 लोगों की तलाश अब भी जारी है।

भारतीय वायुसेना ने उत्तरी सिक्किम में फंसे 350 से अधिक पर्यटकों को बचाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिक्किम सरकार ने बताया कि बुधवार को बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ में 36 लोगों की मौत हुई है। वहीं, निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि अब तक 41 शव बरामद हुए हैं। तीस्ता नदी सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बांग्लादेश में जाती है।

अधिकारियों ने आगाह किया कि दोनों राज्यों द्वारा बताए गए आंकड़े में कुछ दोहराव हो सकता है।

जलपाईगुड़ी जिले के अधिकारियों ने बताया कि दो सैन्यकर्मियों के शव नदी में बहकर बांग्लादेश चले गए और पड़ोसी देश के अधिकारियों ने ये सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिए।

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने रात आठ बजे के अपने बुलेटिन में बताया कि सिक्किम के पाकयोंग जिले में सबसे अधिक 24 लोगों की मौत हुई, जिनमें सेना के 10 जवान भी शामिल हैं। इसके बाद, गंगटोक में छह, मंगन में चार और नामची में दो लोगों की मौत हुई।

इसने बताया कि इन चार जिलों में कुल 80 लोग अब भी लापता हैं, जबकि बाढ़ से प्रभावित आबादी की कुल संख्या 87,300 है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय दल के सदस्यों ने राज्य के मुख्य सचिव वी.बी. पाठक और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की। इस टीम में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, इसके बाद केंद्रीय टीम के सदस्य गंगटोक, पाकयोंग और मंगन जिलों के प्रभावित इलाकों में गए। जिन क्षेत्रों का उन्होंने दौरा किया उनमें आईबीएम, रंगपो, एटीटीसी-बारडांग, गोलिटर, सिंगतम, डिक्चू और फिडांग शामिल हैं।

टीम के सदस्यों ने राज्य में अचानक आई बाढ़ के कारण इमारतों, बिजली की लाइनों, सड़कों और पुलों को हुए नुकसान का आकलन भी किया। उन्होंने इंद्रेणी और सिरवानी पुलों के साथ-साथ झोरलुंगे और माझीटार में झूला पुलों का निरीक्षण किया।

उन्होंने जारी राहत और पुनर्वास प्रयासों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए माजिगांव में एक राहत शिविर का भी दौरा किया।

अधिकारियों ने कहा कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने राहत केंद्रों में उचित स्वच्छता बनाए रखने के लिए सिफारिशें कीं और वहां रह रहे लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का सुझाव भी दिया।

उन्होंने वित्तीय सहायता को लेकर कहा कि राज्य की तात्कालिक एवं अल्पकालिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी और साथ ही आश्वासन दिया कि धनराशि जारी करने में तेजी लाई जाएगी ताकि सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो सके।

केंद्रीय टीम मंगलवार को मंगन और उत्तरी सिक्किम के कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी।

वायुसेना ने हिमालयी राज्य सिक्किम में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से उत्तरी सिक्किम के मंगन में फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को विमान से सुरक्षित जगह पहुंचाया है।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर ने 10 उड़ान भरीं और 354 पर्यटकों को आपदा प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला।

उन्होंने बताया कि इन पर्यटकों को पाक्योंग हवाई अड्डा लाया गया।

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के सभी विधायक बाढ़ प्रभावित राज्य में बचाव, राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में एक महीने का वेतन दान करेंगे।

सिक्किम की 32 सदस्यीय विधानसभा में एसकेएम के 19 विधायक हैं।










संबंधित समाचार