

इस वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव होने हैं। यह देश का 17वां लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में सर्दी में भी देश का माहौल गर्म है। शिवसेना को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की दो टूक ने इस गर्मी को और बढ़ा दिया है। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
नई दिल्ली: अभी-अभी देश के विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इसके बाद अब अप्रैल और मई के महीने में 2019 के लोकसभा चुनाव होने हैं। यह देश का 17वां लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में सर्दी में भी देश का माहौल गर्म है। नेताओं का दिमाग गर्म है। एक ओर जहाँ वे आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं तो वहीं दूसरी ओर एक दूसरे को खुली चेतावनी दे रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना को स्पष्ट चेतावनी दी है। रविवार को लातूर में कई जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि गठबंधन को लेकर किसी तरह की उलझन नहीं होनी चाहिए। यदि गठबंधन होता है तो पार्टी अपने सहयोगी दलों की जीत सुनिश्चित करेगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में अपने पूर्व सहयोगियों को करारी मात देगी।
क्या है मामला
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य दिया था। इसके फौरन बाद शाह ने यह टिप्पणी की है। शाह और फडणवीस ने रविवार को कई जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गठबंधन को लेकर भ्रम से दूर रहना चाहिए। उन्हें हर बूथ पर तैयारी करना चाहिए।
लोकसभा चुनाव की तुलना पानीपत की लड़ाई से की
इतिहास में तीन दफा पानीपत की लड़ाई हो चुकी है। पहली 1526, दूसरी 1556 और तीसरी 1761 में। अमित शाह ने लोकसभा चुनाव की तुलना पानीपत की तीसरी लड़ाई से की।
दरअसल पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना को अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना ने हराया था। शिवसेना मुख्य तौर पर महाराष्ट्र में सक्रिय है और उसकी विचारधारा पूर्व-मराठा और हिंदू राष्ट्रवाद (हिंदुत्व) पर आधारित है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पानीपत की तीसरी लड़ाई के बाद देश 200 साल तक गुलाम रहा था। उन्होंने कहा, यदि हम यह चुनाव जीतते हैं तो हमारी विचारधारा अगले 50 साल तक शासन करेगी।
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