

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सिविल सेवा बोर्ड (सीएसबी) की बैठक आज बुलाई है,जिसमें दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सेवा सचिव आशीष मोरे सहित अधिकारियों के स्थानांतरण के निर्देश पर गौर किया जाएगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सिविल सेवा बोर्ड (सीएसबी) की बैठक आज बुलाई है,जिसमें दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सेवा सचिव आशीष मोरे सहित अधिकारियों के स्थानांतरण के निर्देश पर गौर किया जाएगा।
दरअसल उच्चतम न्यायालय ने हाल में अपने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सेवा मामलों के संबंध में विधायी शक्तियां हैं और उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह को लेकर बाध्य हैं। न्यायालय के फैसले के बाद सीएसबी की यह पहली बैठक है। इससे पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले तथा तैनाती के संबंध में फैसले उप राज्यपाल लेते थे।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ घंटे बाद 11 मई को दिल्ली सरकार ने मोरे को पद से हटा दिया था।
एक आदेश में सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएसबी के दो अन्य सदस्य, मुख्य सचिव के कनिष्ठ होने के नाते अपनी राय ‘‘निर्भीकता’’ के साथ रखने में असमर्थ हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि बैठक का मसौदा पहले से ही तैयार किया जाए।
आदेश में कहा गया,‘‘ सीएसबी में दो सचिव हैं और इसके अध्यक्ष मुख्य सचिव हैं। दोनों सचिव मुख्य सचिव के कनिष्ठ हैं और बैठक में अपनी राय स्पष्ट रूप से रख नहीं पाएंगे।’’
आदेश के अनुसार ,‘‘ इसलिए सीएसबी के सदस्यों की राय इस प्रकार से ली जानी चाहिए--- पहला मसौदा तैयार करने के बाद सचिव (सेवा) को फाइल अन्य सदस्यों के पास भेजनी चाहिए,जो उनकी टिप्पणियों को दर्ज करेंगे। इसके बाद वह फाइल मुख्य सचिव के पास भेंजेगे।’’
इसमें कहा गया कि मुख्य सचिव अपनी टिप्पणी के बाद अगर जरूरत पड़ी तो इसे प्रभारी मंत्री (भारद्वाज) के पास भेजेंगे और फिर वह इस पर कोई निर्णय लेगें।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव पहले मसौदे को तैयार किए जाने में कोई ‘‘प्रभाव’’ नहीं दिखाएंगे अथवा सीएसबी के दो अन्य सदस्यों को भी किसी प्रकार से ‘‘प्रभावित’ नहीं करेंगे।
सूत्रों का दावा है कि मोरे के स्थानांतरण का आदेश सीएसबी को दरकिनार करके जारी किया गया था। यही बोर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण से जुड़े मामलों को देखता है।
भारद्वाज ने अपने आदेश में मोरे के स्थान पर ए के सिंह की तैनाती का आदेश दिया था। स्थानांतरण के आदेश अभी लागू नहीं हुए हैं।
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