राज्य सभा के वरिष्ठ सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने किसान आंदोलन और संसद के गतिरोध पर रखी अपनी राय, कहीं ये बातें

डीएन संवाददाता

एक साल से चल रहे किसान आंदोलन समेत किसान मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद के गतिरोध को लेकर राज्य सभा के वरिष्ठ सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने संसद भवन में आज डाइनामाइट न्यूज की खास बातचीत की। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में देखिये क्या बोले सांसद डा. अनिल अग्रवाल



नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी जारी चल रहे किसान आंदोलन समेत शीतकालीन सत्र में संसद के गतिरोध को लेकर राज्य सभा के वरिष्ठ सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने संसद भवन में आज डाइनामाइट न्यूज की खास बातचीत की। संसद भवन परिसर में डाइनामाइट न्यूज से हुई इस बातचीत में डा. अनिल अग्रवाल ने कहा कि संसद एक पवित्र जगह और लोकतंत्र का मंदिर है, यहां हर मसले पर बातचीत की जा सकती है। लेकिन विपक्षी सदस्यों द्वारा गतिरोध उतपन्न कर सत्र के कार्यों को बाधित किया जा रहा है, जो ठीक नहीं हैं।

राज्य सभा सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने डाइनामाइट न्यूज से कहा कि संसद में हर मसले पर चर्चा करना स्वस्थ लोकतंत्र के लिये बेहद जरूरी है। लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ हो गया है कि विपक्ष के लोग चर्चा नहीं करना चाहते हैं। वे केवल गतिरोध करते हैं। महंगाई जैसे मुद्दे पर संसद में चर्चा का समय दिया गया था लेकिन इसके बावजूद भी विपक्ष ने उस पर बात नहीं की। 

डाइनामाइट न्यूज से डा. अनिल अग्रवाल ने कहा कि महंगाई आज अंतरराष्ट्रीय सिस्टम की देन है। लेकिन विपक्ष की एक इच्छा रहती है कि केवल मुद्दे उठाये जाएं और उन पर चर्चा न की जाये। चर्चा होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। विपक्ष हर मुद्दे पर इस समय ऐसा ही कर रहा है। मैं व्यक्तगत तौर पर अपने सांसद बंधुओं के साथ हूं लेकिन मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे इस गतिरोध को समाप्त करने के लिये अध्यक्ष जी से वार्ता करें। वे सरकार से वार्ता करें और सरकार उनसे वार्ता करके गतिरोध दूर करे।

डाइनामाइट न्यूज के किसान आंदोलन संबंधी एक सवाल के जबाव में सांसद डा. अनिल अग्रवाल ने कहा कि हमारे किसान भाई सरकार के उद्देश्यों को समझें। पीएम मोदी ने आज तक किसानों के हित में जो काम किये हैं, वो सर्वाधिक हैं। वह चाहे किसान सम्मान निधि हो या फिर किसान फसल बीमा। किसानों को कम ब्याज पर ऋण दिलाने, सॉयल टेस्टिंग, सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया कोटिंग व यूरिया की उपल्बधि जैसे कई काम पीएम मोदी ने किसानों के हित में किये। कल गोरखपुर में भी पीएम मोदी ने खाद कारखाने का शुभारंभ किया। ये सारी चीजें किसान भाइयों को समझनी चाहिये। 

डा. अनिल अग्रवाल ने डाइनामाइट न्यूज को दिये इंटरव्यू में कहा कि वर्तमान में तीन कृषि सुधार कानून वापस लेने के बाद किसी भी प्रकार के आंदोलन का औचित्य नहीं है। सरकार ने बेहद धैर्य का परिचय दिया है। पूरे आंदोलन में सरकार की तरफ से कोई लाठी चार्ज नहीं किया गया, कोई आंसू गैस या गोलीबारी जैसे नहीं किये गये। किसान भाइयों को जो सम्मान पीएम मोदी और उनकी सरकर कर रही है, वह आज तक किसी ने नहीं किया है। आज सरकार ने फिर उनको न्योता भेजा है। उनकी जो उचित मांगे हैं, सरकार अब भी उन पर खुले दिल से बातचीत करने को तैयार है। उनके समाधान के लिये तैयार है। लेकिन मुझे लगता हैं कि कुछ राजनीतिक दल किसानों को भड़काते हैं, जिस कारण यह आंदोलन समाप्त नहीं हो पा रहा है। किसान भाइयों को चाहिये कि वह विपक्ष की बातों को न सुनते हुए किसानों के मुद्दे पर बात करे और सरकार के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाये।










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