एससीबीए ने कैंसिल की आयोजित जीबीएम, इन दो वरिष्ठ वकीलों से स्पष्टीकरण से जुड़ा था मामला
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारी समिति ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से बार निकाय की ओर से माफी मांगने को लेकर वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल से स्पष्टीकरण मांगने वाले प्रस्तावों पर मतदान के लिए होने वाली आम सभा की बैठक रद्द करने का फैसला किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारी समिति ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से बार निकाय की ओर से माफी मांगने को लेकर वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल से स्पष्टीकरण मांगने वाले प्रस्तावों पर मतदान के लिए 16 मार्च को होने वाली आम सभा की बैठक बुधवार को रद्द करने का फैसला किया।
प्रधान न्यायाधीश और एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह के बीच वकीलों के चैंबर के लिए ‘अप्पू घर’ में जमीन के आवंटन पर हुई तीखी नोकझोंक के बाद वरिष्ठ वकीलों को शीर्ष अदालत से माफी मांगनी पड़ी थी।
बैठक रद्द करने का फैसला दिन में हुई एससीबीए की कार्यकारी समिति की एक आपातकालीन बैठक में किया गया।
एससीबीए ने अपने परिपत्र में कहा कि उसे 14 मार्च, 2023 को कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं और कुछ अन्य नामों से एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें प्रस्तावित प्रस्तावों को वापस लेने की मांग की गई थी। ईमेल में शामिल इन नामों के साथ एससीबीए की सदस्यता संख्या, मोबाइल फोन नंबर, हस्ताक्षर आदि संबंधी प्रासंगिक जानकारी नहीं थी।
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एससीबीए ने कहा कि 14 मार्च, 2023 को वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल द्वारा लिखा गया एक पत्र भी प्राप्त हुआ जिसमें एसीबीए को संबोधित उन कुछ पत्रों का जिक्र किया गया था जिनमें प्रस्तावों को वापस लेने की मांग की गई थी।
परिपत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रधान न्यायाधीश ने एससीबीए अध्यक्ष द्वारा किए गए अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और भूमि आवंटन से संबंधित बार निकाय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए अपनी अध्यक्षता में एक विशेष पीठ का गठन किया है, जिसमें न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा सदस्य होंगे।
इसमें कहा गया, ‘‘प्रस्ताव 'क' पूरा हो गया है और एससीबीए की कार्यकारी समिति ने आम सभा की विशेष बैठक को रद्द करने का निर्णय लिया है, जो प्रस्ताव ‘क’ के संदर्भ में बृहस्पतिवार यानी 16 मार्च, 2023 को अपराह्न चार बजे उच्चतम न्यायालय के लॉन में आयोजित की जानी थी।’’
‘अप्पू घर’ की जमीन वकीलों के ‘चैम्बर’ के लिए आवंटित करने से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान दो मार्च को प्रधान न्यायाधीश और एससीबीए प्रमुख विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी। प्रधान न्यायाधीश को वरिष्ठ अधिवक्ता को यह निर्देश देना पड़ा था कि वह ऊंची आवाज में नहीं बोलें और अदालत कक्ष से बाहर चले जाएं।
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एससीबीए के अध्यक्ष ने मामलों के उल्लेख के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष कहा था कि वह पिछले छह महीने से इस विषय को सूचीबद्ध कराने की मशक्कत कर रहे हैं।
जब मामलों का उल्लेख समाप्त हुआ तो न्यायालय में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘आज सुबह जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। एक लक्ष्मण रेखा है, जिसे हममें से किसी को पार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि बार को मर्यादा की सीमाओं को पार करना चाहिए।’’
वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने भी अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘जो कुछ हुआ, उससे हम सभी समान रूप से दुखी हैं।’’