जानिये, चलन से बाहर हुए हजार और पांच सौ रुपये के नोट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला, पढ़िये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने 1,000 रुपये और 500 रुपये मुद्रा के चलन से बाहर हो चुके नोटों को स्वीकार करने का अनुरोध करने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 1,000 रुपये और 500 रुपये मुद्रा के चलन से बाहर हो चुके नोटों को स्वीकार करने का अनुरोध करने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने हालांकि, याचिकाकर्ताओं को सरकार को एक अभिवेदन देने की मंजूरी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक शीर्ष न्यायालय ने सरकार को इस अभिवेदन पर फैसला करने तथा 12 सप्ताह के भीतर प्रत्येक शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया।

यह भी पढ़ें | Delhi Violence: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की जांच में दखल से किया इनकार, कहा- सरकार उठा रही कदम

पीठ ने कहा, ‘‘संविधान पीठ के फैसले के बाद हमें नहीं लगता कि हमारे लिए चलन से बाहर हो चुके नोटों को स्वीकार करने के लिए अलग-अलग मामलों में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत हमारे न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी।’’

उसने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई याचिकाकर्ता भारत सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे संबंधित उच्च न्यायालय का रुख करने की छूट होगी।

उच्चतम न्यायालय ने बहुमत से दिए फैसले में सरकार के 1,000 रुपये तथा 500 रुपये मुद्रा के नोटों को चलन से बाहर करने के 2016 के फैसले को बरकरार रखा था।

यह भी पढ़ें | Pegasus issue: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पेगासस जासूसी मामला, पांच अगस्त को होगी सुनवाई, जानिये पूरा केस

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि केंद्र की निर्णय लेने की प्रक्रिया में खामी नहीं हो सकती क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार द्वारा विचार-विमर्श किया गया था।

न्यायालय ने कहा था कि नोटबंदी के फैसले की घोषणा करने वाली आठ नवंबर 2016 की अधिसूचना को अनुचित नहीं कहा जा सकता और इसे निर्णय लेने की प्रक्रिया के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।










संबंधित समाचार