Supreme Court: यूपी के इस मामले में अत्यधिक देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाखुशी, जानिये पूरा केस

उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक दोषी की समय पूर्व रिहाई की याचिका का निपटारा करने में अधिकारियों द्वारा ‘‘अत्यधिक देरी’’ किए जाने पर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश के कारागार महानिदेशक और अन्य को आगाह किया कि अगर ऐसे अन्य मामले संज्ञान में आए तो ‘‘दंडात्मक कार्रवाई’’ की जा सकती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 January 2023, 5:40 PM IST
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक दोषी की समय पूर्व रिहाई की याचिका का निपटारा करने में अधिकारियों द्वारा ‘‘अत्यधिक देरी’’ किए जाने पर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश के कारागार महानिदेशक और अन्य को आगाह किया कि अगर ऐसे अन्य मामले संज्ञान में आए तो ‘‘दंडात्मक कार्रवाई’’ की जा सकती है।

न्यायालय ने कहा कि समय पूर्व रिहाई का आवेदन सितंबर 2019 से लंबित है और केंद्रीय कारागार, फतेहगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस साल पांच जनवरी को जारी किए गए हिरासत प्रमाणपत्र के अनुसार, दोषी बिना किसी छूट के कुल 15 साल और 14 दिन की सजा काट चुका है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिंह की पीठ ने 13 जनवरी को पारित अपने आदेश में कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर ऐसे आवेदनों पर नीति के आधार पर विचार करने की आवश्यकता है।

पीठ ने कारागार महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए कि समय पूर्व रिहाई के लिए आवेदन पर विधिवत विचार किया जाए और उसके आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर इसका निपटारा किया जाए।