LG और केजरीवाल सरकार में ठनी, सौरभ भारद्वाज ने कहा,उपराज्यपाल के पास धनराशि को मंजूरी देने का कोई अधिकार नहीं

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संविधान उपराज्यपाल वी के सक्सेना को राष्ट्रीय राजधानी में परियोजनाओं के लिए धनराशि मंजूर करने की शक्ति नहीं देता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 August 2023, 12:10 PM IST
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नयी दिल्ली: दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने  कहा कि संविधान उपराज्यपाल वी के सक्सेना को राष्ट्रीय राजधानी में परियोजनाओं के लिए धनराशि मंजूर करने की शक्ति नहीं देता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सौरभ भारद्वाज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए परियोजनाओं के वित्तपोषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है।

सक्सेना ने सौरभ भारद्वाज की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कोई उनके द्वारा किए गए काम का श्रेय लेना चाहता है, तो वह ले सकता हैं।

उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो इसका मतलब है कि केंद्र अच्छा काम कर रहा है।

इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा था कि आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली के सौंदर्यीकरण का वित्त-पोषण केंद्र ने किया है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी की आम आदमी पार्टी (आप)-नीत सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।

आप ने भाजपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह देखकर आश्चर्य हुआ कि दिल्ली सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को भाजपा अपना बता रही है।

सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा, ‘‘लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली नगर निगम द्वारा जो भी काम किया जाता है वह करदाताओं के पैसे से किया जाता है। केंद्र से पीडब्ल्यूडी को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।’’

इस बीच, उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में आयोजित किया जा रहा जी-20 शिखर सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'उपहार' है और लोगों के लिए यह साबित करने का अवसर है कि शहर ऐसे भव्य कार्यक्रमों की सुचारू रूप से मेजबानी करने में सक्षम है।

सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'हवाई अड्डे के नाले पर 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है' और यह परियोजना सुनिश्चित करेगी कि क्षेत्र में कोई जलभराव न हो।

सक्सेना ने कहा कि 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर तीन दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है और इससे कुछ लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

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