Sadbhavna Diwas: 30 जनवरी का दिन साम्प्रदायिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील

डीएन ब्यूरो

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) प्रमुख एवं के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं और देशभर के लोगों से 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि धार्मिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

साम्प्रदायिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील
साम्प्रदायिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील


चेन्नई: द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) प्रमुख एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं और देशभर के लोगों से 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि धार्मिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील की।

दक्षिणपंथी संगठनों की आलोचना करते हुए स्टालिन ने कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ साम्प्रदायिक तत्वों का आक्रोश उनकी हत्या के 75 साल बाद भी नहीं घटा है।

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सत्तारूढ़ दल के प्रमुख ने रविवार रात एक बयान में आरोप लगाया कि राज्यपाल आर.एन. रवि की यह टिप्पणी कि राष्ट्र को गांधी के चलते स्वतंत्रता नहीं मिली, केवल दुर्भावना को दर्शाती है।

स्टालिन का यह आरोप रवि के इस बयान के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधीजी के बारे में उनके कथन का गलत मतलब निकाला गया। राज्यपाल ने 27 जनवरी को कहा था कि उन्होंने केवल यह कहने की कोशिश की थी कि 1946 में रॉयल इंडियन नेवी और एयर फोर्स का विद्रोह नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रेरित था, जिसने आजादी की गति और प्रक्रिया आगे बढ़ाई।

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उन्होंने कहा, ‘‘मैं महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करता हूं और उनकी शिक्षाएं मेरे जीवन का आदर्श रही हैं...कुछ मीडिया संस्थानों ने मेरी टिप्पणी को आधा-अधूरा प्रस्तुत किया।’’

राज्यपाल ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर उक्त बयान दिया था।

मुख्यमंत्री ने ‘गांधीजी की प्रतिष्ठा को धूमिल करके बहुलवाद को नुकसान पहुंचाने’ के प्रयास करने का आरोप लगाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान (राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस) के लिए 30 जनवरी का दिन चुनना इरादतन था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने मार्च के लिए 2 अक्टूबर (पिछले साल) का दिन चुनकर ध्यान ‘बंटाने’ की कोशिश की। हालांकि, राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी।

स्टालिन ने देशभर के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से 30 जनवरी का दिन साम्प्रदायिक सद्भावना दिवस के रूप में मनाने की अपील की।

द्रमुक प्रमुख ने पार्टी की जिला इकाइयों को धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का संकल्प लेने के लिए सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित करने का जिम्मा सौंपा है। 30 जनवरी, 1948 को गांधीजी की हत्या कर दी गई थी। यह दिन पूरे देश में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्टालिन राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 जनवरी को स्पेन रवाना हुए और 7 फरवरी को उनके लौटने का कार्यक्रम है।










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