उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के NCR क्षेत्रों में BS3 व BS4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की सिफारिश

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केन्द्र से रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में खराब गुणवत्ता वाले डीजल से संचालित हो रही बसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण
दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण


नयी दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केन्द्र से रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में खराब गुणवत्ता वाले डीजल से संचालित हो रही बसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

राय ने कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल का औचक निरीक्षण किया और पाया कि हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में पंजीकृत सभी बस बीएस3 और बीएस4 की श्रेणी वाले वाहन हैं।

यह भी पढ़ें | Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए शुरू हुआ ये अभियान, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई, जाने पूरा अपडेट

उन्होंने संवाददाताओं से यहां कहा, ‘‘वाहनों से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली में वायु प्रदूषण की एक प्रमुख वजह है। दिल्ली में संचालित हो रही बसें केवल सीएनजी और बिजली से चलती हैं जबकि पड़ोसी राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की बसें बीएस3 और बीएस4 वाहन हैं।’’

केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, एक नवंबर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस6-श्रेणी अनुरूप डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।

यह भी पढ़ें | प्रधानमंत्री 7-8 जुलाई को चार राज्यों में 50,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास करेंगे

राय ने कहा, ‘‘इस संबंध में सीएक्यूएम ने कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं और हमारी मांग है कि केन्द्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में बीएस3 और बीएस4 बसों के परिचालन पर रोक लगाए।’’

प्रदूषण के स्तर को कम करने की कोशिश के तहत केंद्र ने अप्रैल 2020 में घोषणा की थी कि भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों को भारत स्टेज-6 (बीएस6) उत्सर्जन मानकों के अनुरूप होना चाहिए।










संबंधित समाचार