आरसीपी का भाजपा में शामिल होना साबित करता है कि वह उनके एजेंट थे : जदयू

डीएन ब्यूरो

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के भाजपा एजेंट बनने का उनका आरोप भगवा पार्टी में उनके शामिल होने से सही साबित हुआ है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के भाजपा एजेंट बनने का उनका आरोप भगवा पार्टी में उनके शामिल होने से सही साबित हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने नौकरशाह से राजनेता बने आरसीपी सिंह के दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हमारे शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को ऊंचा स्थान देने के लिए पार्टी अध्यक्ष पद का त्याग कर दिया था, लेकिन वह भाजपा के एजेंट बन गए और उनके एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया। जिस बात का हमें हमेशा से अंदेशा था अब उसकी पुष्टि हो गई है’’।

उल्लेखनीय है कि आरसीपी सिंह 2021 में नीतीश कुमार की सहमति के बिना केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को स्वीकार कर लिया था, जबकि जदयू मंत्रिमंडल में केवल एक सीट के सांकेतिक प्रतिनिधित्व के विरूद्ध थी।

जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने कुछ ही महीनों बाद आरसीपी सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी ।

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ललन ने यह भी कहा, ‘‘आरसीपी सिंह अपनी ही पार्टी पर नीतीश कुमार की पकड़ को कमजोर करने की दिशा में काम कर रहे थे। बिहार में भाजपा की मदद से वही करने की योजना थी, जो पहले महाराष्ट्र में किया गया था।’’

यह अनुमान लगाया गया था कि आरसीपी सिंह पार्टी में फूट डालने के लिए जद (यू) नेताओं के एक वर्ग के संपर्क में थे, जो कुमार के लिए नुकसान का कारण होता।

जदयू प्रमुख ने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने नैतिक आधार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था। अब हमें देखना चाहिए कि क्या एकनाथ शिंदे में ऐसा करने का नैतिक साहस है ।’’

ललन ने कहा, ‘‘केंद्र निर्वाचित सरकार के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए स्वयं द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल का उपयोग कर रहा था’’।

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जदयू प्रमुख ने एक स्पष्ट संदर्भ में कहा कि दोनों निर्णय देश में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखने वाली न्यायपालिका का एक रौशन हैं और सत्तारूढ़ व्यवस्था के अपने ‘‘तोते’’ (सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां और मोदी सरकार द्वारा उनका कथित दुरुपयोग) की मदद से शो चलाने के प्रयासों को विफल करते हैं।

जदयू प्रमुख ने कहा, ‘‘2024 आने दें। भाजपा जिस राह चल रही है, कर्नाटक में टोन सेट कर दिया गया है, जहां हम एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा की बड़ी हार की उम्मीद कर रहे हैं। यह तब होगा जब पार्टी हर हथकंडा अपना रही है और यहां तक कि प्रधानमंत्री खुद खुले तौर पर सांप्रदायिक अभियान चला रहे हैं।

 










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