यूपी के बहराइच में दो वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म, पीड़िता के इलाज में भारी लापरवाही, CWC ने जारी किया नोटिस, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने दो वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के इलाज में मेडिकल कालेज की महिला चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की कथित लापरवाही का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, दो महिला चिकित्सकों एवं तीन उपचारिकाओं को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मेडिकल कालेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत 5 को नोटिस
मेडिकल कालेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत 5 को नोटिस


बहराइच: बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने दो वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के इलाज में मेडिकल कालेज की महिला चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की कथित लापरवाही का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, दो महिला चिकित्सकों एवं तीन उपचारिकाओं को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक न्याय पीठ ने पांच दिन में स्पष्टीकरण नहीं देने पर डॉक्टरों एवं उपचारिकाओं को भारतीय दंड संहिता की धारा 166 बी (पीड़ित का उपचार न करने पर सजा का प्रावधान) के तहत एक साल के कारावास एवं जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।

न्याय पीठ के अध्यक्ष सतीश कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को पत्रकारों से बताया, 'सोमवार रात पयागपुर थानाक्षेत्र के एक गांव की दुष्कर्म पीड़िता दो वर्षीय बच्ची को इलाज हेतु मेडिकल कालेज से संबद्ध महर्षि बालार्क महिला चिकित्सालय लाया गया था। अस्पताल में तड़प रही बच्ची को दो घंटे तक इलाज न मिलने पर रात 10 बजकर 49 मिनट पर पुलिस कर्मियों ने समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस बात की सूचना दी। समिति ने उसी वक्त सीएमओ, अपर पुलिस अधीक्षक एवं नगर कोतवाल को इस बात की जानकारी दी। रात करीब साढ़े ग्यारह से बारह बजे के मध्य जब अधिकारी अस्पताल पहुंचे तब बच्ची का इलाज शुरू हुआ। इसके अतिरिक्त बहराइच के अस्पताल में सभी जरूरी सुविधाएं होने के बावजूद बच्ची को लखनऊ रेफर कर दिया गया।'

श्रीवास्तव ने बताया कि यह स्थिति बालिका के लिए पीड़ादायक रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेकर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की शक्ति का प्रयोग करते हुए सीडब्ल्यूसी ने महिला अस्पताल की डा. रिचा यादव एवं डा. ममता बसंत, उपचारिका सरिता पाल, श्वेता पांडे एवं सरोज कुमारी को शुक्रवार को नोटिस जारी कर कहा है कि पांच दिन में वे अपना स्पष्टीकरण दें कि क्यों न आपको उक्त शिथिलता के लिए भादंसं की धारा 166 बी के तहत एक साल की कैद एवं जुर्माने से दंडित किया जाए।

समिति ने शुक्रवार को ही महर्षि बालार्क चिकित्सालय (जिला अस्पताल) के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि आपके पर्यवेक्षण में यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुईं और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए आपने क्या इंतजाम किए हैं।

गौरतलब है कि सोमवार की शाम पयागपुर थाना अंतर्गत एक गांव में दो साल की एक मासूम के साथ कथित तौर पर उसके सगे ताऊ ने घर में ही दरिंदगी की थी। पुलिस ने दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर मंगलवार को आरोपी ताऊ को गिरफ्तार किया।










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