Rajya Sabha: सिख बंदियों की रिहाई, यूसीसी लागू करने की मांग, हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता

डीएन ब्यूरो

राज्यसभा में शुक्रवार को पंजाब में सजा पुरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा करने और देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की मांग उठाई गई वहीं कम उम्र के लोगों में हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जताई गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आप सांसद  विक्रम सिंह साहनी
आप सांसद विक्रम सिंह साहनी


नयी दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को पंजाब में सजा पुरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा करने और देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की मांग उठाई गई वहीं कम उम्र के लोगों में हृदयाघात के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जताई गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आम आदमी पार्टी (आप) के विक्रम सिंह साहनी ने शून्य काल में कहा कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन अब तक उनकी रिहाई नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि इनमें से कई सिख कैदी ऐसे हैं जो स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं से भी जूझ रहे हैं।

साहनी ने न्याय प्रणाली की ‘निरपेक्षता’ पर सवाल उठाया और कहा कि एक तरफ सिख कैदियों की रिहाई नहीं की जा रही है वहीं गुजरात दंगे से जुड़े बिल्किस बानो मामले के गुनहगारों की रहाई हो गई, राजीव गांधी के हत्यारों को 30 साल बाद रिहा कर दिया और हाल ही में कुछ कैदियों को लगातार पेरोल पर रिहा किया जा रहा है।

उन्होंने सरकार से एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सिख कैदियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की।

शून्यकाल में ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ डी पी वत्स ने सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों की भर्ती के लिए नियत पदों में रिक्तियों के शेष रहने पर उनमें अग्निवीरों की भर्ती की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों की भर्ती के लिए नियत पदों में शेष रह गई रिक्तियों में अग्निवीरों की भर्ती करते समय उन्हें आरक्षण का लाभ भी दिया जाना चाहिए।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य आर गिरिराजन ने तमिलनाडु के चेन्नई शहर में कुछ प्रस्तावित फ्लाईओवरों के निर्माण को शहर के हित में बताते हुए कहा कि केंद्र को इसके लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए।

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भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा ‘‘धर्म, लिंग, क्षेत्र और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। लेकिन यह हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने से हिंदू महिलाओं के साथ ही मुस्लिम और ईसाई तथा अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की करीब 10 करोड़ महिलाओं को भी गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह संहिता किसी पूजा पद्धति से नहीं बल्कि इन्सानियत से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक महिलाओं को समान नागरिक आचार संहिता लागू होने के बाद जीवन के हर पड़ाव पर एक सुरक्षित और मानवीय गरिमा के साथ सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिल जाएगा।

हरनाथ सिंह ने सरकार से समान नागरिक संहिता शीघ्र लागू करने की मांग की।

इसी पार्टी की इंदुबाला गोस्वामी ने सरकार से वंदे भारत ट्रेन एक्सप्रेस का ठहराव पंजाब के पठानकोट स्टेशन में भी किए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा होने पर पंजाब के साथ हिमाचल प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों या भारतीय प्रबंधन संस्थानों में जारी अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी और इसका कारण उनके साथ जाति आधारित भेदभाव था।

उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ छात्रों ने तो आत्महत्या भी की है।

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उन्होंने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से मांग की इसके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

आम आदमी पार्टी के संजीव अरोरा ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों के लिए इस योजना को कार्यान्वित करना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़े अस्पताल और कारपोरेट अस्पताल इस योजना के लिए स्वयं को पैनल में शामिल कराने से बचते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।

शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने हृदयाघात के बढ़ते मामलों का मुद्दा उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि इस बारे में गहन शोध किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान जो टीके लगाए गए या मरीजों को दवाएं दी गईं, कहीं उनका दुष्प्रभाव तो अब हृदयाघात के बढ़ते मामलों के रूप में सामने नहीं आ रहा है।

भाजपा के सकलदीप राजभर ने बेरोजगारी और कल कारखानों के अभाव में बिहार और उत्तर प्रदेश के साथ ही झारखंड के कुछ इलाकों से युवाओं के मेट्रो शहरों की ओर पलायन के मुद्दे पर चिंता जताई और तीनों ही राज्यों के साथ केंद्र सरकार से इस दिशा में ध्यान देने का अनुरोध किया।

भाजपा के ही विजयपाल सिंह तोमर ने खाद्य पदार्थों में मिलावट का मुद्दा उठाया और इससे बच्चों व युवाओं के स्वास्थ्य पर हो रहे बुरे प्रभाव पर चिंता जताई।

भाजपा के पवित्र मार्गरीटा और दर्शना सिंह, कांग्रेस के नीरज डांग और जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने भी शून्यकाल में लोकमहत्व से जुड़े अपने-अपने मुद्दे उठाए।










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