राजनाथ सिंह ने निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ‘इंफाल’ के ‘क्रेस्ट’ का अनावरण किया

डीएन ब्यूरो

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय नौसेना की स्टील्थ निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ‘इंफाल’ के क्रेस्ट (शिखा) का अनावरण किया। इंफाल मिसाइल विध्वंसक सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लांचर से सुसज्जित है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राजनाथ सिंह ने निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ‘इंफाल’ के ‘क्रेस्ट’ का अनावरण किया
राजनाथ सिंह ने निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ‘इंफाल’ के ‘क्रेस्ट’ का अनावरण किया


नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय नौसेना की स्टील्थ निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ‘इंफाल’ के क्रेस्ट (शिखा) का अनावरण किया। इंफाल मिसाइल विध्वंसक सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लांचर से सुसज्जित है।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई ने 20 अक्टूबर को यह युद्धपोत भारतीय नौसेना को सौंपा था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार की उपस्थिति में अनावरण समारोह हुआ।

आईएनएस इंफाल ‘15बी स्टील्थ निर्देशित मिसाइल विध्वंसक परियोजना’ के तहत निर्मित चार युद्धपोतों में से तीसरा युद्धपोत है।

क्रेस्ट के डिजाइन में बाईं ओर 'कांगला पैलेस' और दाईं ओर 'कांगला-सा' को दर्शाया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कांगला पैलेस और कांगला-सा से सुशोभित इम्फाल की क्रेस्ट का अनावरण भारत की स्वतंत्रता, संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति मणिपुर के लोगों द्वारा किए गए बलिदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है।

कांगला पैलेस मणिपुर का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है और यह प्राचीन साम्राज्य की पारंपरिक पीठ हुआ करता था।

ड्रैगन के सिर और शेर के शरीर की आकृति के साथ सुसज्जित 'कांगला-सा' मणिपुर के इतिहास का एक पौराणिक प्राणी है, और इसे स्थानीय लोगों के संरक्षक के रूप में जाना जाता है।

'कांगला-सा' मणिपुर का राज्य प्रतीक भी है।

इंफाल युद्धपोत का द्रव्यमान 7,400 टन है और लंबाई 164 मीटर है। यह विध्वंसक जहाज अत्याधुनिक हथियारों और प्रणाली से लैस है, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, पोत रोधी मिसाइल और टॉरपीडो शामिल हैं। यह 30 समुद्री मील यानी 56 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है।










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