

राजस्थान के ब्यावर जनपद में हिंदू लड़कियों से रेप और जबरन धर्म परिवर्तन के मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब यह मामला राष्ट्रीय मानिवाधिकार आयोग पहुंच गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
ब्यावर: राजस्थान के ब्यावर जनपद में नाबालिग हिंदू लड़कियों का यौन शोषण, रेप और जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ब्लैकमेलिंग करके लड़कियों से दुष्कर्म और धर्मपरिवर्तन के मामले को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा प्रदर्शन और नारेबाजी की जा रही है। स्थानीय लोग आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
ब्यावर लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन, रेप और शोषण का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत में ब्यावर की घटना के लिये एक मुस्लिम गैंग को दोषी माना गया है और गैरकानूनी व जघन्य अपराध करने वाले गैंग से जुड़े सदस्यों के लिये फांसी की सजा दिये जाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और मानवाधिकार के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था भारतीय ह्यूमन राइट्स इनिशियेटिव फॉर मार्जिनलाइज्ड (Bhartiya Human Rights Initiative for Marginalized) से जुड़े ओम प्रकाश व्यास ने मानवाधिकार आयोग के पास ब्यावर की घटना को लेकर शिकायत दर्ज करायी है।
1992 के अजमेर केस जैसा मामला
मानवाधिकार आयोग को लिखे गये अपनी तत्काल शिकायत में अधिवक्ता ओम प्रकाश व्यास ने कहा है कि 1992 के अजमेर केस की ही तरह राजस्थान के ब्यावर में नाबालिग हिंदू लड़कियों के यौन शोषण, ब्लैकमेल और जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। अजमेर केस की तरह यह वर्षों से जारी है। यौन शोषण और ब्लैकमेल का पैटर्न भी एक जैसा है।
पीड़ितों को मौत की धमकी
उन्होंने कहा कि ब्यावर में बड़ी संख्या में हिंदू नाबालिग लड़कियों को फंसाया गया, उनका यौन शोषण किया गया। अश्लील सामग्री के साथ लड़कियों को ब्लैकमेल किया गया। बात न मानने या विरोध करने पर अपराधियों द्वारा पीड़ितों को मारने-पीटने और यहां तक कि मौत की धमकी तक दी जाती हैं। पीड़ित लड़कियों को कलमा पढ़ने के लिये मजबूर किया जाता है और उनका बलपूर्वक जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता है।
नेटवर्क खत्म नहीं कर सकी पुलिस
शिकायत में यह भी कहा गया है कि 19 फरवरी को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही कारण मामले के खिलाफ पीड़ितों के परिवार पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस अभी तक पूरे नेटवर्क को खत्म नहीं कर सकी।
कई कानूनों का उल्लंघन
मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में कहा गया है कि ब्यावर में अपराधियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता के तहत कई कानूनों का उल्लंघन किया गया। जिसमें पोक्सो एक्ट, बलात्कार, नाबालिग पर यौन हमला, यौन शोषण के लिए ब्लैकमेलिंग, आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश, भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के तहत डिजिटल ब्लैकमेलिंग और सबूतों से छेड़छाड़ समेत कई अपराध शामिल हैं।
आरोपियो के लिये मौत की सजा
मानवाधिकार आयोग से मांग की गई है कि ब्यावर में सक्रिय पूरे नेटवर्क के सदस्यों की गिरफ्तारी की जाये। आरोपियों के खिलाफ बलात्कार, तस्करी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाये। अपराध की गंभीरता को देखते आरोपियों के लिए मौत की सजा दी जाये।
आयोग से यह भी मांग की गई है कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। राजस्थान सरकार से भी धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले इस्लामी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।