राजस्थान के मंत्री ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर साधा निशाना, जानिये क्या कहा
राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘सरकार का अलाइनमेंट खराब हो गया है और उसने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सोमवार को अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘सरकार का अलाइनमेंट खराब हो गया है और उसने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने कहा, ‘‘कर्नाटक की सरकार का जो 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार का मामला था, हमारी सरकार उससे पार जा रही है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।’’
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने गहलोत से नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कांग्रेस ने कर्नाटक में हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार के 40 प्रतिशत कमीशन को बड़ा मुद्दा बनाया था।
गुढ़ा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार का अलाइनमेंट खराब हो गया है, हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।’’
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गुढ़ा ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यालय से बिना भ्रष्टाचार के कोई भी फाइल नहीं चलती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे और उनके पास इसके सबूत हैं। गुढ़ा ने इसका ब्योरा नहीं दिया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल में कहा था कि 2020 में बगावत करने वाले कांग्रेस विधायकों को भाजपा नेताओं का पैसा लौटाना चाहिए। गहलोत ने कहा था अगर इन विधायकों ने कुछ पैसा खर्च कर दिया है तो वह कांग्रेस आलाकमान से दिलवा देंगे।
गहलोत के इस बयान का हवाला देते हुए गुढ़ा ने कहा, ‘‘मेरे पास हिसाब और सबूत है...भाजपा के विधायकों को खरीदने का करोड़ों रुपये का सबूत है इस राजेन्द्र गुढा के पास..भाजपा के किस-किस विधायक को क्या-क्या पैसे दिये मुझे पता है। मेरे पास सबूत है।’’
उल्लेखनीय है कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। गुढ़ा को बाद में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। वह उसके बाद खुलकर पायलट का समर्थन करते नजर आए हैं।
रैली के दौरान वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इस रैली में लोगों को आने से रोकने की कोशिश की, लेकिन रैली को समर्थन देने के लिए लोग भारी संख्या में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे भी अगर हमारी आंख नहीं खुलेगी तो फिर हमारी आंख कब खुलेगी। अगर आंख 2023 के चुनाव के बाद खुली तो वह किस काम की। इसलिए अभी से समझ जाएं, संभल जाएं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम भ्रष्ट हैं, हमने इतने पैसे लिए हैं तो आप अपनी सरकार में मंत्री लेकर बैठे हो? आज ही मुझे सरकार से बाहर कर दीजिए- अगर आपको लगता है कि हेमाराम भ्रष्ट है। कोई जरूरत नहीं है मुझे सरकार में रखने की, न ही मुझे सरकार में बने रहने की ख्वाहिश है।’’
वहीं, विपक्षी दल भाजपा ने गहलोत से नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा देने की मांग की।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री जी आपकी सरकार के मंत्री आपकी ही सरकार पर भारत की सबसे भ्रष्टाचार और कमीशनखोर सरकार का आरोप लगा रहे हैं। क्या ऐसी स्थिति में आपको अपने पद पर बने रहना चाहिए? अगर थोड़ी भी नैतिकता बची हो तो आपको तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’’