राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने युवाओं से किया ये खास आह्वान

डीएन ब्यूरो

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचारों से जुड़ने का युवा पीढ़ी से आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि देश के तनाव भरे माहौल में उनके संदेशों का बड़ा महत्व है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत


जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचारों से जुड़ने का युवा पीढ़ी से आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि देश के तनाव भरे माहौल में उनके संदेशों का बड़ा महत्व है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गहलोत ने मंगलवार को बिड़ला सभागार में शांति एवं अहिंसा विभाग के राजस्थान गांधी दर्शन प्रशिक्षणार्थी सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा, “देश के तनाव भरे माहौल में महात्मा गांधी के संदेशों का बड़ा महत्व है। उनके मूल्यों एवं सिद्धांतों पर चलकर ही शांति व अहिंसा की स्थापना संभव है। हमें इसी राह पर आगे बढ़ते हुए लोकतंत्र को अधिक मजबूत बनाना होगा और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभानी होगी।”

उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन प्रशिक्षणार्थी ही राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी हैं और ये प्रशिक्षणार्थी राजस्थान के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सत्य, शांति और अहिंसा की भावना बढ़ें, इसी सोच पर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।

गहलोत ने कहा, “शांति और अहिंसा से ही समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा कायम रह सकता है। यही हमारी संस्कृति का मूल आधार भी है।”

उन्होंने कहा, “युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचारों से जुड़ना चाहिए। गांधीजी की जीवनी ‘सत्य के प्रयोग’ का अध्ययन हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “ विश्व के कई देशों में तनावपूर्ण माहौल है, लेकिन भारतीय संविधान में गांधीजी की भावना निहित होने से भारत आज भी अखंड और मजबूत है।”

गहलोत ने कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संदेश घर-घर में पहुंचाने की दिशा में देश में पहली बार राजस्थान में शांति एवं अहिंसा विभाग खोला गया। इसी कड़ी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज और जिला शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ भी आगे बढ़ रहे हैं। हाल में विधानसभा से गांधी वाटिका न्यास, जयपुर विधेयक-2023 पारित हुआ है।”

बिड़ला सभागार में इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज के निदेशक प्रो. बी.एम. शर्मा, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, गांधीवादी मनोज ठाकरे व उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर और कोटा संभाग से आए प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।










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