राजस्थान: गहलोत सरकार का संकट बरकरार, BJP ने की फ्लोर टेस्ट की मांग, पायलट के साथ आये ये केबिनेट मंत्री

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब भाजपा ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है। सचिन पायलट और सरकार में शामिल एक मंत्री भी सरकार के खिलाफ सामने आये हैं। पूरा अपडेट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 July 2020, 6:28 PM IST
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जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल छंटने के बजाये गहराते नजर आ रहे हैं। भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके खेमे के विधायक सरकार पर किसी तरह का संकट न होने की बातें कर रहे हों लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनमें गहलोत सरकार का संकट कम होती नहीं दिख रहा है।

सीएम आवास पर बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक एक होटल पहुंचे हैं, जहां दोबारा मीटिंग होने की बात की जा रही है। सीएम आवास पर हुई बैठक में गहलोत ने अपने विधायकों के साथ मीडिया के सामने शक्ति प्रदर्शन करते और विक्ट्री साइन बनाते हुए भले ही इस बात के संकते दिये कि सरकार पर आया संकट फिलहाल टल गया है। लेकिन मौजूदा स्थितियां ऐसी दिखती नहीं हैं।

इस मामले में अब विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है, जिससे स्थिति साफ हो सके। भाजपा की इस मांग से पूरे मामले का पटाक्षेप हो सकता है।  

दूसरी तरफ सचिन पायलट अब भी दावा कर रहे हैं कि 18-20 विधायक अब भी उनके साथ है। उन्होंने भी गहलोत सरकार से विधान सभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग उठायी है। उन्होंने कहा कि सीएम आवास पर विधायकों को बुलाना और उनके साथ बैठक करना बहुमत साबित करने की सही जगह और सही तरीका नहीं है।

कांग्रेस नेता और राजस्थान सरकार में मंत्री रमेश मीणा ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि वे सचिन पायलट के साथ हैं। केबिनेट मंत्री का यह बयान सरकार के लिया चिंताजनक है। 

हालांकि कांग्रेस के लिये इस बीच एक सुखद खबर भी आयी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सचिन पायलट भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। यह खबर कितनी पुख्ता है, यह आने वाला समय बतायेगा लेकिन फिलहाल यह कांग्रेस को राहत देने वाली जरूर है। 

सीएम आवास पर बैठक में सोमवार दोपहर अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों की मीडिया के सामने परेड करवाई। गहलोत ने इस बात के साफ संदेश देने की कोशिश की कि उनके पास पूरा बहुमत है। दावा किया जा रहा है कि उनके 102 विधायक बैठक में मौजूद हैं। 

इस बीच ये भी खबरें है कि कुछ कांग्रेसी विधायकों ने बैठक में शिरकत नहीं की और ये विधायक सचिन पायलट खेमें के हैं। इन विधायकों की संख्या 18-20 के बीच बतायी जाती है। ऐसे में अशोक गहलोत का बहुमत होने का दावा संदिग्ध लग रहा है।

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