महाराष्ट्र के जालना शहर में एसटी दर्जे की मांग को लेकर धनगर समुदाय का विरोध मार्च हिंसक हुआ

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के जालना शहर में, धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति तथा कलेक्टर कार्यालय में दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विरोध मार्च हिंसक हुआ
विरोध मार्च हिंसक हुआ


जालना: महाराष्ट्र के जालना शहर में, धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति तथा कलेक्टर कार्यालय में दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपने के लिए जिला कलेक्टर से मिलने पर जोर दिया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, हालांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं मिली है।

जालना शहर में महात्मा गांधी चमन से शुरू होकर जिला कलेक्टरेट तक चला मार्च शुरुआत में शांतिपूर्ण रहा। समुदाय के नेताओं ने भीड़ को संबोधित करते हुए धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने की तत्काल आवश्यकता व्यक्त की, ताकि वे एसटी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ उठा सकें।

स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया।

प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया कि वरिष्ठ अधिकारी एक बैठक में व्यस्त हैं, जिसके बाद तहसीलदार (राजस्व विभाग की अधिकारी) छाया पवार उनकी मांग सुनने और ज्ञापन स्वीकार करने के लिए आगे आईं।

हालांकि, प्रदर्शनकारी सीधे जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपने पर अड़े रहे।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन के स्थल (जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव) का दौरा किया था।

उन्होंने सवाल किया कलेक्टर उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए क्यों नहीं आए।

गतिरोध खत्म करने के प्रयासों के तहत रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर केशव नेटके और उपविभागीय अधिकारी श्रीमंत हरकल से बात की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

पुलिस ने कहा कि तनाव बढ़ने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों दोपहिया वाहन, डिप्टी कलेक्टर की कार, कलेक्टरेट गेट और सरकारी भवन की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।

पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।

पिछले महीने आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था और आंदोलनकारियों ने मध्य महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में आगजनी और पथराव किया था।

उन्होंने बीड जिले में कुछ जन प्रतिनिधियों के घरों को भी निशाना बनाया था










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