Visva Bharati University: जानिये, विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी कार्यक्रम में PM मोदी के संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी कार्यक्रम को संबोधित किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी कार्यक्रम को संबोधिता किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर से लेकर स्वामी विवेकानंद तक का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन में विश्वभारती यूनिवर्सिटी का अहम योगदान रहा है, जिसने हमेशा राष्ट्रवाद की प्रेरणा दी। 

जानिये पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें-

गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था। वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। वो वाणिज्य, व्यापार, कला, साहित्य को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है।

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गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर कहते थे कि हम एक ऐसी व्यवस्था खड़ी करें जो हमारे मन में कोई डर न हो, हमारा सर ऊंचा हो और हमारा ज्ञान बंधनों से मुक्त हो।

आज देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से गुरुदेव के ज्ञान के उद्देश्य को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। 

भारत की आत्मा, भारत की आत्मनिर्भरता और भारत का आत्मसम्मान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारत के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तो बंगाल की पीढ़ियों ने खुद को खपा दिया था।

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आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।

वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी।

गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर की नियुक्ति गुजरात में हुई थी। सत्येंद्र नाथ टैगोर की पत्नी ज्ञानेंद्री देवी जब अहमदाबाद में रहती थीं, तब उन्होंने देखा कि वहां महिलाएं साड़ी का पल्लू दाईं ओर रखती थीं, तब उन्होंने बाएं कंधे पर साड़ी का पल्लू रखने की सलाह दी, जो अब भी जारी है।










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