UP: भाजपा नेता और डॉक्टर ने किया छात्रा से गैंगरेप, FIR दर्ज, कोल्ड ड्रिंक पिलाकर-पिस्टल दिखाकर दुष्कर्म

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में एक भाजपा नेता और डॉक्टर पर एक छात्रा ने उसके साथ गैंगरेप की संगीन आरोप लगाया है। छात्रा की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एपआईआर दर्ज कर ली है। डाइनामाइट न्यूज..

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर


प्रयागराज: कर्नलगंज में रहने वाली बीए की एक छात्रा से एक डॉक्टर और भाजपा नेता द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छात्रा से अलग अलग मौकों पर दोनों आरोपियों ने कोल्ड ड्रिंक में नशीली पदार्थ मिलाकर और पिस्टल दिखाकर गैंगरेप किया। पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। 

पीड़ित छात्रा का आरोप है कि पहले मदद के नाम पर बेली अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने उससे दरिंदगी की और बाद में दबाव डालकर भाजपा नेता के पास ले गए। बाद में भाजपा नेता ने भी डॉक्टर के साथ मिलकर उससे गैंगरेप किया। पुलिस ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है। 

छात्रा ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि 2011 में एक सड़क हादसे में उसके पिता बुरी तरह जख्मी हो गये थे। इलाज में काफी रुपये लगे, जिससे परिवार कर्ज में डूब गया। एक जानने वाले ने उनका परिचय बेली अस्पताल के टीबी सेक्शन के डॉक्टर अनिल द्विवेदी से कराया, जिसने जमीन बिकवाने का झांसा देकर उससे और परिवार से नजदीकी बढ़ा ली।

छात्रा के मुताबिक एक दिन धोखे से अपने अलोपीबाग स्थित जया हॉस्पिटल में बुलाकर नशीली दवा मिली कोल्डड्रिंक पिलाई और जबरन शारीरिक संबंध बनाए। साथ ही कहीं मुंह खोलने पर उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। कुछ दिनों बाद डॉक्टर ने फिर फोन पर दबाव डालकर उसे बुलवाया और फिर म्योराबाद चौराहे के पास स्थित अपने आवास पर ले जाकर दुष्कर्म किया।

करीब एक हफ्ते बाद डॉक्टर दबाव डालकर उसे अपने परिचित भाजपा नेता श्यामप्रकाश द्विवेदी के पास सिविल लाइंस स्थित होटल स्टार रिजेंसी में ले गया। वहां पिस्टल से लैस श्यामप्रकाश द्विवेदी व डॉक्टर ने उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। साथ ही जान से मारने की धमकी दी।

कर्नलगंज इंस्पेक्टर ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर भाजपा नेता व डॉक्टर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच पड़ताल की जा रही है।

उधर आरोपी भाजपा नेता श्यामप्रकाश द्विवेदी का आरोप है कि उन्होंने एक शिक्षण संस्थान में धर्मांतरण का विरोध किया, इसलिए साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया। 
 










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