प्रशांत किशोर का राबड़ी देवी पर पलटवार, ‘मेरे साथ मीडिया के सामने बातचीत हो जाए, सच सामने आ जाएगा’

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान का पहला चरण बीत चुका है। दूसरा चरण 18 अप्रैल को है, इससे पहले बिहार में तमाम तरह के राजनीतिक दावों का दौर चल रहा है। चुनावी रणनीतिकार से सक्रिय राजनीति में आने वाले  जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राबड़ी देवी के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्‍होंने कहा था कि प्रशांत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विलय का प्रस्ताव दिया था।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 April 2019, 1:16 PM IST
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पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान का पहला चरण बीत चुका है। दूसरा चरण 18 अप्रैल को है, इससे पहले बिहार में तमाम तरह के राजनीतिक दावों का दौर चल रहा है।

चुनावी रणनीतिकार से सक्रिय राजनीति में आने वाले  जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राबड़ी देवी के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्‍होंने कहा था कि प्रशांत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विलय का प्रस्ताव दिया था। इस पर प्रशांत किशोर ने लालू यादव को संयुक्त तौर पर मीडिया के सामने बहस करने की चुनौती दी है।

प्रशांत किशोर ने शनिवार को ट्वीट किया और लिखा- पद का दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी पाए जाने वाले लोग सच्चाई के संरक्षक होने का दावा कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।

चुनावी अखाड़े में राबड़ी का पीके वाला दांव

गौरतलब है कि शुक्रवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दावा किया कि प्रशांत ने उनके पति लालू प्रसाद से मुलाकात करके राजद और नीतीश कुमार के जद(यू) का विलय हो जाए और नए दल को चुनावों से पहले अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा था कि अगर प्रशांत किशोर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इनकार करते हैं तो वह सफेद झूठ बोल रहे हैं।

ज्ञात हो कि इससे पहले भी लालू यादव के कुछ इसी तरह के दावे पर प्रशांत किशोर अपना पक्ष ट्वीटर पर आमजन के सामने रख चुके हैं। उन्‍होंने लिखा था कि अगर मैं बताऊंगा कि हमारे बीच क्‍या बातचीत हुई थी तो लालू जी को शर्मिंदगी होगी।

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