जनसंख्या विस्फोट राजनीतिक व सामाजिक अस्थिरता का कारण बनता है, इंजीनियरिंग कॉलेज फैलाए जागरूकता: एआईसीटीई

डीएन ब्यूरो

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग महाविद्यालयों एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों को जनसंख्या विस्फोट के असर के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया और बताया कि कैसे तेजी से बढ़ती हुई आबादी खाद्य असुरक्षा और सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद


नयी दिल्ली: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग महाविद्यालयों एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों को जनसंख्या विस्फोट के असर के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया और बताया कि कैसे तेजी से बढ़ती हुई आबादी खाद्य असुरक्षा और सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक तकनीकी शिक्षा नियामक एआईसीटीई ने बताया कि देश, जनसंख्या विस्फोट की चुनौतियों का सामना कर रहा है और भूमि, भोजन, पानी व ऊर्जा जैसे संसाधन बहुत सीमित हैं। एआईसीटीई ने संबद्ध संस्थानों से जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों पर सम्मेलन व संगोष्ठियां आयोजित करने सहित विभिन्न गतिविधियां करने को कहा है।

एआईसीटीई ने तकनीकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और संस्थानों के प्रमुखों को एक लिखे एक पत्र में कहा, ''एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें यह समझना चाहिए कि हमारा देश जनसंख्या विस्फोट की चुनौतियों का सामना कर रहा है। जैसे कि भूमि, भोजन, पानी और ऊर्जा जैसे सभी संसाधन बहुत सीमित मात्रा में हैं, उसे देखते हुए तेजी से बढ़ती आबादी की वजह से खाद्य असुरक्षा, पानी व भूमि की कमी, जैव विविधता को नुकसान, प्रदूषण के स्तर में वृद्धि और सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।''

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पत्र में बताया गया, ''एआईसीटीई से मंजूरी प्राप्त सभी संस्थानों और विश्वविद्यालयों से अनुरोध है कि वे जनसंख्या विस्फोट के नकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाएं और जनसंख्या वृद्धि के बुरे प्रभावों पर सम्मेलन, संगोष्ठियां, कार्यशालाएं और अन्य कार्यक्रम आयोजित करें क्योंकि मानव जीवन का समर्थन करने और स्वस्थ पर्यावरण बनाए रखने के लिए जनसंख्या वृद्धि व पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र की क्षमता के बीच संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।''

इस साल अप्रैल में भारत चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया, जिसके बाद सीमित संसाधनों को लेकर चिंता और बढ़ गई है। विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि बढ़ती आबादी और उपलब्ध संसाधनों के बीच संतुलन बनाना भविष्य में काफी मुश्किल हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अप्रैल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत की आबादी अब 142.86 करोड़ हो गई है, जो चीन की आबादी 142.57 करोड़ से थोड़ी ज्यादा है।

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