पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से होंगे सम्मानित, जानिये इससे जुड़ी खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पुणे का दौरा करेंगे और इस दौरान वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाएगा। पढिेय़े पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


पुणे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पुणे का दौरा करेंगे और इस दौरान वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाएगा।

डाइनामाइट संवाददाता के अनुसार, पुणे पहुंचने के बाद मोदी दगडूशेठ मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे।

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।

बयान के मुताबिक, यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को उल्लेखनीय एवं असाधारण कार्य के तौर पर देखा जा सकता है।

यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।

आयोजकों ने पहले बताया था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार को समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने सोमवार को पुष्टि की कि पवार पुरस्कार समारोह में भाग लेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं है। पवार मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस तथा न्यासी सुशील कुमार शिंदे भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।’’

रोहित तिलक ने कहा कि उनका संगठन गैर-राजनीतिक है और पुरस्कार सभी वर्गों के लोगों को दिया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले 41वें व्यक्ति होंगे। इससे पहले यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह, मशहूर व्यवसायी एन आर नारायणमूर्ति तथा ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन को प्रदान किया जा चुका है।

बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे और विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधाशिला रखेंगे एवं उनका उद्घाटन करेंगे।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पुणे मेट्रो के पहले चरण के दो गलियारों के उन खंडों पर मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जहां काम पूर्ण हो चुके हैं। बयान के अनुसार, ये खंड फुगेवाड़ी स्टेशन से सिविल कोर्ट स्टेशन और गरवारे कॉलेज स्टेशन से रूबी हॉल क्लीनिक स्टेशन तक हैं। प्रधानमंत्री ने 2016 में इस परियोजना की आधारशिला भी रखी थी।

नये खंड पुणे शहर के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे शिवाजी नगर, सिविल कोर्ट, पुणे नगर निगम कार्यालय, पुणे आरटीओ और पुणे रेलवे स्टेशन को जोड़ेंगे।

बयान के अनुसार, इन खंडों का उद्घाटन देशभर में नागरिकों को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल शहरी परिवहन प्रणाली प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस दौरान मोदी पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट का उपयोग करने वाले ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह संयंत्र बिजली का उत्पादन करने के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन कचरे का उपयोग करेगा।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर पीसीएमसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत निर्मित 1,280 से अधिक मकान लाभार्थियों को सौंपेंगे। वह पुणे नगर निगम द्वारा पीएमएवाई के तहत निर्मित 2,650 से अधिक घर भी प्रदान करेंगे।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री पीसीएमसी द्वारा पीएमएवाई के तहत निर्मित किए जाने वाले लगभग 1,190 घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 6,400 से अधिक घरों की आधारशिला भी रखेंगे।

इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस की युवा इकाई ने मणिपुर में अशांति के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए पुणे शहर के कुछ हिस्सों में ‘मोदी वापस जाओ’ के पोस्टर लगाए हैं।

पुलिस उपायुक्त (द्वितीय जोन) संदीप सिंह गिल ने कहा कि वह इन अवैध पोस्टरों को हटाने के लिए पुणे महानगरपालिका के संपर्क में हैं।

विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सदस्य मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन करने की भी योजना बना रहे हैं।

विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री के पास विदेश जाने का वक्त है, लेकिन मणिपुर का दौरा करने का समय नहीं है। मणिपुर मई की शुरुआत से ही जातीय हिंसा का सामना कर रहा है।










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