पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का किया उद्घाटन, जानिये संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

पीएम मोदी विज्ञान भवन में संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए
पीएम मोदी विज्ञान भवन में संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम आजादी के अमृत काल की पटकथा को लिखने में महत्वूर्ण भूमिका निभायेगा।

विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति एनवी रमना और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वहीं सभी 25 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और राज्यों के मुख्यमंत्री समेत कई शख्सियतें भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में न्यायपालिका और सरकार का दायित्व अब बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल पूरा करेगा तब हम कैसा देश चाहते हैं, हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएं कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। 

पीएम ने इस दौरान कहा कि राज्य के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस अवसर पर मैं आप सबके साथ कुछ समय बिता पाया हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि 2015 में हमने करीब 1800 ऐसे कानूनों को चिन्हित किया था, जो अप्रासंगिक हो चुके थे। उन्होंने कहा कि इनमें से केंद्र ने 1450 कानूनों को खत्म कर लोगों को राहत दी है। लेकिन राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं। पीएम ने साथ ही कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की भी बात कही।










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