जनजातीय समूहों के लिए 24,000 करोड़ रुपये की लागत से पीएम जन मन योजना शुरू
जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिए करीब 24,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन मन) योजना मौजूदा वित्त वर्ष में शुरू की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के उत्थान के लिए करीब 24,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन मन) योजना मौजूदा वित्त वर्ष में शुरू की है।
मुंडा ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नौ संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।
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इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार संपर्क और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुंडा ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित देश के विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
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उन्होंने कहा कि इन समूहों के लिए मौजूदा प्रावधानों में ढील दी गई है और अब 100 लोगों से कम की बस्तियों तक भी विकास कार्य पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने बताया कि इन समुदायों के उत्थान के लिए उन्हें 4.90 लाख नए आवास दिए जाएंगे। इसके अलावा उनके कल्याण के लिए 500 छात्रावासों एवं 2500 आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1,000 मोबाइल स्वास्थ्य वैन की शुरूआत के साथ ही 500 रोजगारोन्मुखी केंद्र और 3000 मोबाइल टावर स्थापित किए जाएंगे।