'आप' के जीतने पर लागू होगा 'पेसा' कानून: केजरीवाल

डीएन ब्यूरो

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को वादा किया कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो वह छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में 'पेसा' पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम लागू करेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल
राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल


 

रायपुर :आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को वादा किया कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो वह छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में 'पेसा' पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम लागू करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि जिस समय अनंतनाग में सेना के तीन अधिकारियों की शहादत की दुखद खबर आ रही थी उस समय दिल्ली में भाजपा के मुख्यालय में जश्न मनाया जा रहा था।

बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने इंडिया-भारत नामकरण विवाद और 'एक राष्ट्र और एक चुनाव' को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला।

केजरीवाल ने कहा ''हम गारंटी देते हैं कि यदि 'आप' राज्य में सत्ता में आती है तब आदिवासियों के हित में और उनके 'जल, जंगल, जमीन' की रक्षा के लिए सरकार बनने के एक महीने के भीतर पेसा कानून लागू किया जाएगा और ग्राम सभा को सभी अधिकार दिए जाएंगे।''

केजरीवाल ने पिछले महीने रायपुर में नौ वादों के विवरण वाला 'गारंटी कार्ड' जारी किया था और कहा था कि दसवीं गारंटी किसानों और आदिवासियों के बारे में है लेकिन वह अपनी अगली यात्रा के दौरान इसका खुलासा करेंगे। तब उन्होंने पेसा कानून लागू करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं थी।

अपने भाषण की शुरुआत में केजरीवाल ने अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के तीन जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा।

बाद में केजरीवाल ने कहा, ''तीन सैन्य अधिकारियों की शहादत की दुखद खबर आने के बावजूद, भाजपा दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में 'जश्न' में व्यस्त थी। यह देखकर पूरा देश दुखी हुआ।''

उन्होंने कहा कि एक और दुखद बात यह है कि प्रधानमंत्री ने शहीद जवानों पर न तो कुछ बोला और न ही कोई ट्वीट किया।

केजरीवाल ने भाजपा को चुनौती दी कि यदि उसमें साहस है तो वह इंडिया का नाम बदलकर दिखाए और कहा कि यह देश उनके पिताजी का नहीं है, बल्कि यह देश के 140 करोड़ लोगों का है।

उन्होंने कहा, ''जब 28 विपक्षी दलों ने गठबंधन बनाया और इसका नाम ‘इंडिया’ रखा तो भाजपा इतना परेशान हो गई कि उसने कहा कि वह इंडिया का नाम बदलकर भारत कर देगी। भारत आपके पिताजी का नहीं है, यह 140 करोड़ लोगों का है। मैं आपको चुनौती देता हूं कि यदि आपमें हिम्मत है तो नाम बदलकर दिखाएं।''

केजरीवाल ने कहा, ''यदि आपने ऐसा प्रयास किया तो 140 करोड़ लोग आपको देश से बाहर निकाल देंगे।''

उन्होंने पूछा, ''यदि गठबंधन का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए तो क्या वे भारत का नाम भी बदल देंगे?''

केजरीवाल ने कहा कि देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नहीं बल्कि 'एक राष्ट्र, एक शिक्षा' की जरूरत है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'जवान' का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्म में शाहरुख कहते हैं कि जाति और धर्म के आधार पर वोट देने के बजाय आप वोट मांगने वालों से यह सवाल पूछें कि वे आपकी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए क्या करेंगे।

उन्होंने कहा कि ‘आप' देश की एकमात्र पार्टी है जो आपको बताती है कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए क्या करेगी।

उन्होंने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ के लोग 'आप' को मौका देंगे तो वे दोनों पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को भूल जाएंगे।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी रैली को संबोधित किया।

छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार किस्मत आजमाया था। उस चुनाव में पार्टी ने 90 में से 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। उस चुनाव में पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाया था।

राज्य में इस वर्ष होने वाले चुनाव में पार्टी ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है तथा 10 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है।

 










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