संसद की विशेषाधिकार समिति ने तलब किया अमरावती की पुलिस कमिश्नर आरती सिंह को

महाराष्ट्र के अमरावती की निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत रवि राणा और पुलिस कमिश्नर आरती सिंह का विवाद संसद की चौखट तक आ पहुंचा है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 October 2022, 7:33 AM IST
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अमरावती की निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत रवि राणा और पुलिस कमिश्नर आरती सिंह का विवाद संसद की चौखट तक आ पहुंचा है। 14 अक्टूबर को संसद की विशेषाधिकार समिति के सामने आरती सिंह को पेश होने के लिए बुलावा भेजा गया है। इसके अलावा अमरावती के पुलिस उपायुक्त शशिकांत साटव को भी बुलाया गया है।

सांसद नवनीत राणा ने खार पुलिस थाने में अपनी अवैध गिरफ्तारी और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने विशेषाधिकार हनन के आरोप में संसद की विशेषाधिकार समिति को पत्र लिखा था। जिसकी जांच के लिए संसद की विशेषाधिकार समिति ने भारती सिंह को तलब किया है। 

इस कमेटी के अध्यक्ष सांसद सुनील कुमार सिंह हैं और इनके अलावा 13 अन्य सांसद सदस्य हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कमेटी को तय करना है कि क्या वाकई आरती सिंह ने जानबूझकर राणा के विशेषाधिकार को हनन किया है। यदि मामला सच पाया गया तो आरती सिंह की मुश्किलें बढ़ जायेंगी।

जब इस बारे में जब अमरावती की सांसद नवनीत रवि राणा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि अमरावती की पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने संसदीय कार्य में बाधा पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर उनको गिरफ्तार किया और थाने में बैठाये रखा। सांसद ने कहा कि घटना के दिन वे महराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे से मुंबई में मिलकर ज्ञापन देने जाने वाली थीं और फिर उन्हें मुंबई से ही दिल्ली संसदीय कमेटी की बैठकों में भाग लेने के लिए फ्लाइट से जाना था। जब मैंने आरती सिंह से कहा कि आप मुझे डिटेन मत कीजिये, तब भी वे नहीं मानी और मुझे जबरदस्ती थाने में रोक लिया। जिससे मेरा संसदीय कार्य बाधित हुआ है। 

शिकायत के बाद नवनीत राणा ने 23 मई को विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष विस्तार से रखा था। अब इस मामले में आरती सिंह और शशिकांत साटव का साक्ष्य कमेटी द्वारा लिया जाना है। यह विवाद पिछले साल 12 जनवरी का है। नवनीत राणा का लंबे वक्त से अमरावती की पुलिस आयुक्त के साथ विवाद चला आ रहा है। नवनीत राणा 2019 में एनसीपी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीती थीं लेकिन अब ये और इनके विधायक पति रवि राणा भाजपा के नजदीकी माने जाते हैं।

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