‘पीएम श्री स्कूल योजना’ को लेकर संसदीय समिति ने किया ये बड़ा खुलासा, जानिये पूरा अपडेट
देश में स्कूलों को सुदृढ़ बनाने की केंद्र की ‘पीएम श्री योजना’ के अनुपालन को लेकर सात राज्यों ने अभी भी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं, जिनमें बिहार, दिल्ली, झारखंड, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल शामिल हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: देश में स्कूलों को सुदृढ़ बनाने की केंद्र की ‘पीएम श्री योजना’ के अनुपालन को लेकर सात राज्यों ने अभी भी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं, जिनमें बिहार, दिल्ली, झारखंड, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, महिला, बाल विकास, खेल एवं शिक्षा संबंधी स्थायी संसदीय समिति की ओर से दिये गए सुझावों पर ‘सरकार द्वारा की गई कार्रवाई’ के संबंध में संसद में आठ अगस्त को पेश एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इस समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विवेक ठाकुर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में स्कूलों को सुदृढ़ बनाने की केंद्र की ‘पीएम श्री योजना’ के अनुपालन को लेकर केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय संगठन सहित 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और ऐसे स्कूलों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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इसमें कहा गया है कि सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया गया था। विभाग इन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने समिति को बताया कि अभी तक सात राज्यों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इनमें बिहार, दिल्ली, झारखंड, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार/राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार/स्थानीय निकायों के तहत वर्तमान स्कूलों में से 14500 से अधिक स्कूलों को सुदृढ़ बनाने एवं उनका उन्नयन करने के लिए पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना का प्रावधान है। इस योजना की अवधि 2022-23 से 2026-27 तक प्रस्तावित है, जिसके बाद राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन स्कूलों द्वारा हासिल मानदंडों को बनाए रखें।
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इस परियोजना की कुल लागत 5 वर्षों की अवधि में 27,360 करोड़ रुपये होगी, जिसमें 18,128 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंशदान शामिल होगा।
संसदीय समिति ने सिफारिश की कि इस परियोजना की राज्यवार प्रगति और वर्तमान स्थिति के साथ आने वाली बाधाओं/राज्य सरकारों के अनुरोधों का उल्लेख करते हुए विस्तृत टिप्पणी प्रस्तुत की जाए।
समिति का कहना था कि ‘पीएम श्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020’ और ‘न्यू इंडिया’ के पथ प्रदर्शक होंगे।