Parliament Winter Session: अडानी-सोरोस विवाद पर डिंपल यादव का बड़ा बयान, जानिये क्या बोलीं
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि आज सदन चला और हमें उम्मीद है कि यह चलता रहेगा। हम न तो सोरोस मुद्दे के साथ हैं और न ही अडानी मुद्दे के साथ। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्लीः संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा देखने को मिल रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अमेरिका में अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है। वहीं, सत्ताधारी भाजपा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बीच सांठगांठ की बात कही है। अब इस पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।
डिंपल यादव ने कहा, "सदन चल रहा है। आज सदन चला और हमें उम्मीद है कि यह चलता रहेगा। हम न तो सोरोस मुद्दे के साथ हैं और न ही अडानी मुद्दे के साथ। हमारा मानना है कि सदन चलना चाहिए। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के लोग सदन के कामकाज के प्रति समर्पण दिखाएंगे। शुक्रवार और शनिवार को संविधान पर चर्चा होगी। समाजवादी पार्टी चाहती है कि सदन चले।"
कांग्रेस-भाजपा में रार
यह भी पढ़ें |
पूरे उत्तर प्रदेश में सादगी के साथ मनाया गया सपा सांसद डिंपल यादव का जन्मदिन, महिलाओं में विशेष उत्साह
20 नवंबर को सत्र शुरू होने के बाद से, दोनों सदनों में इस मुद्दे पर लगातार व्यवधान देखने को मिल रहे हैं। 20 नवंबर को सेशन शुरू होने के बाद से, दोनों सदनों में कई मुद्दों पर लगातार हंगामे देखने को मिल रहे हैं।
कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग की, वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के अरबपति परोपकारी जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं, उन्होंने सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन के साथ संबंध होने का दावा किया, जिसने कथित तौर पर कश्मीर को भारत से अलग करने के विचार का समर्थन किया था।
सोरोस भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना चाहते हैं- भाजपा
यह भी पढ़ें |
शिवपाल सिंह यादव: भाजपा के खिलाफ अब सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जाएगी लड़ाई
भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि अडानी मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है। वे इस देश के नागरिक हैं, जबकि सोरोस इस देश के नागरिक नहीं हैं। वो देश में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। वो भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना चाहते हैं। उनके कांग्रेस नेताओं से संबंध हैं। इस पर चर्चा रोकने के लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है।