पंचायतों का हल कब निकलेगा? फतेहपुर में 200 किसानों ने गिनाईं दिक्कतें
यूपी के फतेहपुर में पूर्व घोषित किसान यूनियन की चार घण्टे तक पंचायत चली। पंचायत में करीब 200 किसानों ने हिस्सा लिया। पंचायत में किसानों ने विभिन्न मुद्दों को उठाया। ज्यादा जानकारी के लिये पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट
फतेहपुर: जिले में गुरुवार को नेशनल हाईवे पुल के नीचे स्थानीय कस्बे में पूर्व घोषित किसान यूनियन की चार घण्टे तक पंचायत चली। इस पंचायत में करीब 200 किसानों ने हिस्सा लिया। उक्त किसान पंचायत (Kisan Panchayat) किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान के पुत्र अंकित सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक इस पंचायत में भ्रष्टाचार, बिजली कटौती, नहरों में टेल तक पानी, सरकारी फर्जी सिंचाई की जांच, प्रत्येक घर को शौचालय और बेघर को आवासीय भूमि का पट्टा व प्रधानमंत्री आवास जैसे प्रमुख मुद्दे हावी रहे। बैठक में किसानों ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया।
यह भी पढ़ें |
Fatehpur News: एक एक कर तालाब में समा गये तीन बालक, पूरे गांव में मातम
पंचायत में भ्रष्टाचार (Corruption) के मुद्दे पर समस्याओं की जांच या किसी भी शिकायत की जांच उसी अधिकारी को थमाने का मामला उजागर किया गया जिसके खिलाफ आरोप लगे हैं। आईजीआरएस को अधिकारी अपने बच निकलने का सर्वोत्तम साधन समझते हैं। नहरों में पानी नहीं जा रहा है और फर्जी सिंचाई दर्ज कर अधिकारी सरकार से वाहवाही बटोरते हैं।
बिजली कटौती (Power Cut) भी बड़ी समस्या
फीडर औंग व गलाथा में दस घंटे की बिजली सप्लाई आठ से दस किश्तों में प्राप्त होती है। किसान यूनियन ने इसे तत्काल बन्द कर सुचारु रूप से विद्युत आपूर्ति देने की मांग की है। चार घंटे तक चली पंचायत का ज्ञापन लेने के लिए तहसीलदार बिंदकी और एसडीओ विद्युत आये। सुरक्षा व्यवस्था की बागडोर थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने संभाल रखी थी, जिसके चलते किसान पंचायत शांति से संपन्न हुई।
बैठक में कौन कौन रहा मौजूद
किसान पंचायत में शैलेंद्र सिंह ब्लॉक अध्यक्ष, प्रीतम सिंह जिला महासचिव, दीपक गुप्ता सदर तहसील अध्यक्ष, रज्जन सिंह तहसील अध्यक्ष बिन्दकी और प्रचार मंत्री सुखीराम उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें |
Fatehpur News: सांप ने सपने में कहा- "9वीं बार तू नहीं बचेगा", खबर पढ़कर आप हो जाएंगे दंग
किसान पंचायत में दिखी बैलगाड़ी की झलक
पंचायत के दौरान अरसे बाद लोगों ने हाईवे पर बैलगाड़ी की झलक देखी। उक्त पंचायत में तीन बैलगाड़ी से करीब दस किसान आये थे। नई युवा पीढ़ी बैलगाड़ी को अजूबा के रूप में देख रही थी तो वहीं बुजुर्ग लोग इसे देखकर आनंदित हो रहे थे।