

पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने पिछले सप्ताह मारे गए सिख व्यापारी और एक अलग घटना में घायल हुए एक व्यक्ति के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है।
पेशावर: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने पिछले सप्ताह मारे गए सिख व्यापारी और एक अलग घटना में घायल हुए एक व्यक्ति के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है।
ये देश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ लक्षित हमलों के मामले प्रतीत होते हैं।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के संरक्षक मुख्यमंत्री मुहम्मद आजम खान ने मृतक मनमोहन सिंह और घायल तरलोक सिंह के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे।
मनमोहन सिंह (35) पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला किया था जिसके बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खान ने पुलिस को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर प्रांत में सिख समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा के लिए एक योजना बनाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने हत्या की निंदा की और कहा कि सिख समुदाय के सदस्य शांतिपूर्ण और देशभक्त नागरिक हैं तथा राष्ट्र के विकास में उनकी बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने का मतलब पाकिस्तान में धार्मिक सौहार्द में खलल डालना है। उन्होंने कहा कि ये तत्व अपने नापाक इरादों में कभी कामयाब नहीं होंगे।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने सिखों पर कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली है।
खान ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा सरकार अल्पसंख्यकों की जिंदगी और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
इसके अलावा, पाकिस्तान सरकार के ‘श्राइन्स इवेक्यूइज प्रोपर्टी ट्रस्ट बोर्ड’ के अतिरिक्त सचिव राणा शाहिद सलीम और प्रधान साहिब पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने इससे पहले जान गंवाने वाले सरदार दयाल सिंह और मनमोनह सिंह के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिया। तरलोक सिंह के परिवार को भी तीन लाख रुपये दिए गए।
भारत ने सोमवार को नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब करके पड़ोसी देश में सिख समुदाय के सदस्यों पर हमलों की हालिया घटनाओं पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
अप्रैल और जून के बीच सिख समुदाय के सदस्यों पर हमलों की चार घटनाएं हुई और भारत ने इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है।
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