पाकिस्तान पर आ रहा तरस.. भुखमरी का शिकार हो रहे बच्चे, स्कूल जाना तो दूर की बात
पाकिस्तान में आर्थिक कंगाली इस कदर छा गई है कि देश-दुनिया में इस देश का मजाक बनकर रह गया है। पाकिस्तान में करीब सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसके पीछे जो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आये है उससे सभी दंग है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें क्या होकर रह गई है पाक की स्थिति
इस्लामाबादः पाकिस्तान किस कदर आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है यह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया से छिपा नहीं है। आर्थिक तंगहाली के कारण यहां करीब सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इससे पाकिस्तान में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से तहस नहस होकर रह गई है। एक अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह के मुताबिक स्कूल न जाने वालों में ज्यादातर तादाद लड़कियों की है। पाकिस्तान की स्थिति को लेकर ह्यूमन राइट वॉच ने जारी अपने रिपोर्ट में 'मैं अपनी बेटी को भोजन दूं, या उसे पढाऊं: पाकिस्तान में बालिकाओं की सिक्षा में अड़चनें' नाम से एक रिपोर्ट जारी की है।
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रिपोर्ट में जो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है उससे पाकिस्तान की स्थिति पर सभी को तरस आ रहा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई 2018 में चुनकर आई नई सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इनमें लड़कों के मुकाबले लड़कियों की तादाद जारी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां प्राथमिक स्कूल जाने की उम्र वाली 32 फीसद लड़कियां स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। लड़कों का फीसद इस मामले में 21 प्रतिशत है।
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छठी कक्षा तक जाते-जाते 59 फीसद लड़कियां और नौवीं में सिर्फ 13 फीसद लड़कियां ही स्कूी शिक्षा जारी रख पाती हैं। इस आर्थिक कंगाली के पीछे राजनीतिक अस्थिरता, सुरक्षा बलों का सरकार पर अनुचित प्रभाव, मीडिया और नागरिक समाज का दमन, हिंसक चरमपंथ और नस्ली व धार्मिक तनाव के कारण पाकिस्तान में मौजूदा सामाजिक स्थिति प्रभावित हुई है। इसका सबसे ज्यादा बुरा असर लड़कियों पर पड़ा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पाकिस्तान ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 फीसद से भी कम शिक्षा पर खर्च किया है।