ओवैसी ने दिल्ली में ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने पर ‘आप’ की आलोचना की

डीएन ब्यूरो

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुंदरकांड’ का पाठ कराने पर ‘आप’ की आलोचना की
सुंदरकांड’ का पाठ कराने पर ‘आप’ की आलोचना की


हैदराबाद:  ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की है।

उन्होंने मंगलवार को सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल नीत ‘आप’ अपनी विरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कैसे अलग है?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भाजपा अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर ध्यान केंद्रित कर रही है और माना जा रहा है कि ‘आप’ ने इसका मुकाबला करने के लिए पूरी दिल्ली में मंगलवार को ‘सुंदरकांड’ का पाठ कराने की घोषणा की ।

रामायण में ‘सुंदरकांड’ एक अध्याय है जो भगवान हनुमान को समर्पित है।

यह भी पढ़ें | महाराष्ट्र में मुसलमानों को बदनाम कर रही बीजेपी, कोल्हापुर हिंसा पर बोले ओवैसी,जानिये पूरा मामला

हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप (आम आदमी पार्टी) भाजपा से अलग कैसे हैं? आप में और भाजपा एवं आरएसएस में कोई अंतर नहीं है। अब आप भाजपा और आरएसएस के एजेंडे का अनुसरण कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि वे सरयू नदी (अयोध्या) में नहीं जाएंगे, अब दिल्ली में कह रहे हैं कि वे ‘सुंदरकांड’ और ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ कराएंगे। उनमें और भाजपा-आरएसएस में कोई अंतर नहीं है। अब वे उनकी विचारधारा का अनुसरण कर रहे हैं।’’

एआईएमआईएम प्रमुख ने जानना चाहा कि वे कैसे (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी को हराएंगे?

ओवैसी ने कहा, ‘‘ यह उनका (आप का) पाखंड’ है।’’ उन्होंने कहा कि जिनके धर्मनिरपेक्ष विचार हैं जिनमें ‘हिंदू भाई, दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और खासतौर पर मुस्लिम शामिल हैं, उन्हें इस पर गौर करना चाहिए।

यह भी पढ़ें | राजा सिंह का निलंबन रद्द करने पर भाजपा पर भड़के ओवैसी, कहा यकीन है नुपुर को भी PM का आशीर्वाद मिलेगा

एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया कि यह लड़ाई बहुसंख्यक वर्ग के मतों को हासिल करने की है। उन्होंने इसे ‘प्रतिस्पर्धी हिंदुत्व’ करार दिया।

उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘प्रतिस्पर्धी हिंदुत्व’ की ऐसी राजनीति चलती रहेगी तो भाजपा-आरएसएस की विचारधारा को कैसे रोका जाएगा।

 










संबंधित समाचार